बिट्टू कुमार यदुवंशी,विवि संवाददाता
टीपी कॉलेज बीएड नामांकन फर्जीवाड़े प्रकरण में अब तक कार्रवाई नही किये जाने पर एबीवीपी ने सवाल उठाया है। एबीवीपी ने एक बैठक कर इस मामले पर विमर्श किया और जल्द कार्रवाई नही होने की स्थिति में किये जाने वाले आंदोलन की रूप रेखा पर चर्चा किया। बैठक के बाद एबीवीपी ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि मामले के खुलासे के वावजूद अब तक कार्रवाई नही किया जाना कुलपति के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। बैठक में विभाग संयोजक रंजन यादव ने कहा कि इस प्रकरण में 23 मार्च को ही सभी साक्ष्यों के साथ कुलपति को आवेदन दिया गया था। जिसपर पहले कुलपति ने 31 मार्च तक ही कार्रवाई की बात कही थी लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नही की जा सकी है। जिन्होंने कुलपति के कार्यशैली पर सवाल उठताए हुए कहा कि आखिरकार ऐसा कौन सा दबाब है जो कुलपति द्वारा कार्रवाई नही की जा रही है।
वही टीपी कॉलेज के काउंसिल मेंबर दिलीप कुमार दील एवं जिला संघटन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत ने कहा कि बीएड के इस फर्जीवाड़े में पांच से दस लाख रूपये तक की वसूली करके बंदरबांट किया गया है। इसी वजह से एक हाथ से रूपये लेने वाले अधिकारी कार्रवाई से कदम पीछे खींच रहे है। वही प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशि यादव एवं संतोष कुमार राज ने बताया कि इस फर्जीवाड़े की गूंज राजभवन तक पहुँच चुकी है। वहां से त्वरित कार्रवाई करते विश्वविद्यालय प्रशासन से जबाब भी माँगा गया है। लेकिन विश्विद्यालय प्रशासन का ढुलमुल रवैया जारी है। महाघोटाला के तीसरे एपिसोड में देखे बीएनएमयू में पद का दुरुपयोग कर एक व्यक्ति ने एक साथ कैसे किया नियुक्ति, नामांकन व आवास घोटाला
बताते चले की टीपी कॉलेज में प्रो वीसी के पत्र के आधार पर टीपी कॉलेज में सामान्य वर्ग की छात्रा का नामांकन एससी कोटे में कर लिया गया। इस मामले को एबीवीपी ने ही उजागर किया था। कार्रवाई के लिए कुलपति द्वारा तय की गयी कई तिथि अब तक बीत चुकी है। कार्रवाई के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने टीपी कॉलेज के प्राचार्य,बीएड के समन्वयक एवं छात्रा से स्पष्टीकरण पूछा था। इसके बाद अब तक कोई कार्रवाई नही जा सकी है।
टीपी कॉलेज बीएड नामांकन फर्जीवाड़े प्रकरण में अब तक कार्रवाई नही किये जाने पर एबीवीपी ने सवाल उठाया है। एबीवीपी ने एक बैठक कर इस मामले पर विमर्श किया और जल्द कार्रवाई नही होने की स्थिति में किये जाने वाले आंदोलन की रूप रेखा पर चर्चा किया। बैठक के बाद एबीवीपी ने एक विज्ञप्ति जारी कर बताया है कि मामले के खुलासे के वावजूद अब तक कार्रवाई नही किया जाना कुलपति के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। बैठक में विभाग संयोजक रंजन यादव ने कहा कि इस प्रकरण में 23 मार्च को ही सभी साक्ष्यों के साथ कुलपति को आवेदन दिया गया था। जिसपर पहले कुलपति ने 31 मार्च तक ही कार्रवाई की बात कही थी लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नही की जा सकी है। जिन्होंने कुलपति के कार्यशैली पर सवाल उठताए हुए कहा कि आखिरकार ऐसा कौन सा दबाब है जो कुलपति द्वारा कार्रवाई नही की जा रही है।
वही टीपी कॉलेज के काउंसिल मेंबर दिलीप कुमार दील एवं जिला संघटन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत ने कहा कि बीएड के इस फर्जीवाड़े में पांच से दस लाख रूपये तक की वसूली करके बंदरबांट किया गया है। इसी वजह से एक हाथ से रूपये लेने वाले अधिकारी कार्रवाई से कदम पीछे खींच रहे है। वही प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशि यादव एवं संतोष कुमार राज ने बताया कि इस फर्जीवाड़े की गूंज राजभवन तक पहुँच चुकी है। वहां से त्वरित कार्रवाई करते विश्वविद्यालय प्रशासन से जबाब भी माँगा गया है। लेकिन विश्विद्यालय प्रशासन का ढुलमुल रवैया जारी है। महाघोटाला के तीसरे एपिसोड में देखे बीएनएमयू में पद का दुरुपयोग कर एक व्यक्ति ने एक साथ कैसे किया नियुक्ति, नामांकन व आवास घोटाला
बताते चले की टीपी कॉलेज में प्रो वीसी के पत्र के आधार पर टीपी कॉलेज में सामान्य वर्ग की छात्रा का नामांकन एससी कोटे में कर लिया गया। इस मामले को एबीवीपी ने ही उजागर किया था। कार्रवाई के लिए कुलपति द्वारा तय की गयी कई तिथि अब तक बीत चुकी है। कार्रवाई के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने टीपी कॉलेज के प्राचार्य,बीएड के समन्वयक एवं छात्रा से स्पष्टीकरण पूछा था। इसके बाद अब तक कोई कार्रवाई नही जा सकी है।