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बुधवार, 18 अप्रैल 2018

बीएड फर्जी नामांकन मामले में कार्रवाई की मांग को लेकर एबीवीपी ने किया प्रदर्शन, कुलपति ने कहा सभी दोषियों पर जल्द होगी कार्यवाही

संपादक- आर. कुमार
बीएन मंडल विश्वविद्यालय अंतर्गत टीपी कॉलेज में फर्जी तरीके से एससी कोटी में सामान्य श्रेणी के छात्रा का बीएड में नामांकन लेने पर विवि में छात्रों का विरोध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बीएड नामांकन मामले में एक महीने बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर बुधवार को अभाविप कार्यकर्ताओं ने कुलपति कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुलपति कार्यालय में धरना पर बैठे अभाविप कार्यकर्ताओं ने कहा कि टीपी कॉलेज के बीएड विभाग में जेनरल कोटी की छात्रा का नामांकन कर दलित छात्रों की हकमारी की गयी है। वहीं टीपी कॉलेज में कल्याण छात्रावास अधीक्षक द्वारा अवैध रूप से आवास भत्ता लिया जा रहा है। बीएड फर्जीवाड़ा को उजागर करने पर बीएड विभागाध्यक्ष को अपमानित कर हटाया गया। इन सब मामलों में दोषियों पर कार्रवाई की बजाय विवि प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। इस दौरान छात्रों से वार्ता करते हुए कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने कहा है कि बीएड फर्जी नामांकन मामले में  दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हर हाल में दोषियों पर विधिसम्मत कार्रवाई होगी। कुलपति ने कार्रवाई के लिए अभाविप कार्यकर्ताओं से फिर 7 दिनों का समय लिया। धरना-प्रदर्शन में जिला संगठन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत, कार्यालय मंत्री अजीत कुमार, कॉलेज अध्यक्ष विश्वजीत पीयूष, विराट कुमार, कॉलेज मंत्री प्रिंस कुमार यादव, संयुक्त सचिव सौरभ कुमार, कोषाध्यक्ष विक्रम कुमार, आशीष कुमार, अजय कुमार सहित दर्जनों की संख्या में अभाविप कार्यकर्ता मौजूद थे।

प्रदर्शन कर रहे विभाग संयोजक रंजन यादव व मुरारी मयंक ने कहा कि विवि के कई कॉलेजों में रुपए का खेल हो रहा रहा है। दलित छात्रों की हकमारी कर फर्जी तरीके से नामांकन लिया गया है। टीपी कॉलेज में नामांकन फर्जीवाड़ा इसका उदाहरण है। यहां सबकी मिलीभगत से नामांकन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया है। जबकि अभाविप ने एक महीने पूर्व ठोस साक्ष्य के साथ नामांकन फर्जीवाड़े का खुलासा कर दिया था। अब दोषी पर कार्रवाई नहीं होना सवाल खड़ा करता है।

प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संतोष कुमार राज, शशि यादव एवं राजू जायसवाल ने कहा है कि विवि बीएड फर्जीवाड़ा में शामिल दोषियों के साथ हाउस रेंट के नाम पर लाखों रुपए की अवैध निकासी करने वाले पदाधिकारी को बचा रही है। जबकी मामले में विवि स्तर पर जांच प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। जांच में गड़बड़ी का खुलासा भी हो गया है।



जिला संयोजक अभिषेक यादव, मोनू कुमार एवं नगर मंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि टीपी कॉलेज में कल्याण छात्रावास अधीक्षक द्वारा लगभग 8 वर्षों से आवासीय भत्ता के नाम पर उगाही की जा रही है। विवि प्रशासन को अवैध निकासी की पूरी जानकारी साक्ष्य के साथ दी गई है। इसके बावजूद भी  कार्यवाही नहीं होना विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है। जबकि यह सीधे-सीधे वित्तीय अनियमितता का मामला बनता है



टीपी कॉलेज के  काउंसिल मेंबर दिलीप कुमार दिल एवं हर्षवर्धन यादव ने कहा कि टीपी कॉलेज के बीएड विभागाध्यक्ष को एचओडी को फर्जीवाड़ा का उजागर करना मंहगा पड़ गया। उन्हें अपमानित कर विभागाध्यक्ष के पद से कॉलेज ने हटा दिया है। उन्होंने कुलपति से दोषियों पर कार्रवाई करते हुए विभागाध्यक्ष अमित कुमार को पुनः बहाल करने की मांग की।

बाहर गेट पर पुलिस का सख्त पहरा, अंदर चल रहा था प्रदर्शन, आम छात्रों के विवि प्रवेश पर लगायी रोक

उच्च न्यायालय पटना व सरकार की सख्ती के बाद प्रशासन ने बीएनएमयू में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। इसके लिए विवि प्रशासन की मांग पर बुधवार को दंडाधिकारी के साथ भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया। सुबह 10 बजे से विवि खुलने के साथ ही दंडाधिकारी के रूप में तैनात प्रखंड कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार अमर बिना प्रमाण पत्र के आम छात्रों के विवि प्रवेश पर रोक लगा दी। वहीं प्रमाण पत्र दिखाने के बाद भी गहन जांच के बाद छात्रों को अंदर प्रवेश करने दिया जा रहा था। इस बीच कुलपति कार्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे अभाविप कार्यकर्ताओं ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। आंदोलनकारी छात्रों ने जब नारेबाजी शुरू की तो गेट पर तैनात दंडाधिकारी के साथ पुलिस जवान कुलपति कार्यालय की तरफ दौरे। वहां प्रदर्शनकारियों को देख उनके होश उड़ गए। इस दौरान आनन-फानन में मेन गेट को पूर्णत: बंद कर दिया गया। वहीं दंडाधिकारी के साथ पुलिस पदाधिकारी वरीय पदाधिकारी से मार्गदर्शन लेने लगे। करीब आधा घंटा तक छात्रों के साथ अधिकारियों की बहस होते रही। लेकिन वे धरना पर से नहीं उठे। एएसआई संतोष दीक्षित एवं सुबोध कुमार सिंह ने छात्रों को वार्ता के लिए तैयार किया। इस बीच पहुंचे कुलपति के साथ अभाविप शिष्टमंडल की वार्ता हुई तब मामला शांत हुआ।  इस दौरान आवश्यक कार्यो से विवि पहुंचे छात्रों ने कहा गेट पर बिना प्रमाण पत्र के अंदर प्रवेश करने नहीं दिया गया। छात्रों को अपराधी व आतंकवादी जैसा बरताव किया जा रहा था।

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