तर्कशास्त्र भारतवर्ष की प्राचीन विधा: डा अनिल कुमार - News Express Now :: Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, | हिन्दी न्यूज़ लाइव

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सोमवार, 4 दिसंबर 2017

तर्कशास्त्र भारतवर्ष की प्राचीन विधा: डा अनिल कुमार

संपादक-आर.के.झा
चार दिसंबर को स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग में प्रभारी डा अनिल कुमार की अध्यक्षता में सेमिनार का आयोजन हुआ. अपने संबोधन में डा अनिल कुमार ने कहा कि तर्कशास्त्र भारतवर्ष की प्राचीन विधा है. वैदिक और अवैदिक दोनों शिक्षण संस्थानों में तर्क विधा की पढ़ाई होती थी. इससे बच्चों के सोचन शक्ति में समन्वित विकास होता था. इस अवसर पर विभाग के छात्र ओर छात्राओं ने बढ़चढ़कर भाग लिया. इस अवसर पर मुकेश कुमार शर्मा ने कहा कि तर्कशास्त्र योग की तरह राम बाण है. योग स्वस्थ शरीर देता है. तो तर्क स्वस्थ मस्तिष्क प्रदान करता है.



अमित कुमार ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्रों में तर्कशास्त्र की महती भूमिका रहती है. इसके अतिरिक्त अनुराग शर्मा ने कहा कि तर्कशास्त्र कला और विज्ञान दोनों है. शशिराज ने कहा कि तर्कशास्त्र सत्य-ज्ञान के प्रमाणन ओर मूल्यांकन में सहायता होता है. नितेश कुमार ने कहा कि दैनिक जीवन में तर्क की महत्ता बहुत अधिक है. नूतन कुमारी ने कहा कि तर्कशास्त्र एक व्यापक शास्त्र है. इसे अनिवार्य होना चाहिये ताकि समाज में तर्कणा द्वारा अच्छे समाज का निर्माण हो सके. शशिकांत ने कहा कि तर्क और तर्कशास्त्र के बिना जीवन में एक भी काम नहीं होता है. नवीन कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक परीक्षण में तर्कशास्त्र की बड़ी भूमिका होती है. इस अवसर पर विभाग के सहायक सुपेंद्र कुमार सुमन एवं आदेश पाल वरूण कुमार भी उपस्थित थे. अंत में धन्यवाद ज्ञापन छात्र मुकेश कुमार शर्मा ने किया. 

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