संपादक-आर.के.झा
बीएन मंडल विवि के सीनेट सदस्य डा विपिन कुमार सिंह द्वारा पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को कुलसचिव डा केपी सिंह द्वारा तीन अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ देने की बात पर विवि कर्मचारी संघ के सचिव संतोष कुमार ने कहा कि विदित हो कि राजभवन में दर्ज की गयी शिकायत के आलोक में वर्तमान प्रतिकुलपति द्वारा प्रधानाचार्य से प्रतिवेदन तलब किया गया था.
महाविद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य का वेतन निर्धारण करते हुयेू पत्रांक जी/एस - 169/17 दिनांक 17 अगस्त 2017 की प्रतिवेदन विवि को समर्पित किये जाने के बावजूद एक शिक्षक प्रतिनिधि डा विपिन कुमार सिंह द्वारा आरोप लगाकर प्रधानाचार्य एवं कुलसचिव के छवि को धूमिल करना बहुत ही खेदजनक है. ज्ञातव्य हो कि डा विपिन कुमार सिंह 2013 में विवि में बजट सह लेखा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे. फिर उस समय उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन क्यों नहीं किया. इससे यह स्पष्ट होता है कि डा सिंह विवि के कुछ पदाधिकारी की संलिप्ता से प्रधानाचार्य और कुलसचिव ही नहीं बल्कि विवि की छवि को धूमिल कर रहा है. संतोष ने कुलपति से अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसे अनर्गल आरोप लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाय और अपने स्तर से जांच कर कार्रवाई की जाय ताकि विवि की छवि पर कोई आंच नहीं आवे.
बीएन मंडल विवि के सीनेट सदस्य डा विपिन कुमार सिंह द्वारा पार्वती विज्ञान महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को कुलसचिव डा केपी सिंह द्वारा तीन अग्रिम वेतन वृद्धि का लाभ देने की बात पर विवि कर्मचारी संघ के सचिव संतोष कुमार ने कहा कि विदित हो कि राजभवन में दर्ज की गयी शिकायत के आलोक में वर्तमान प्रतिकुलपति द्वारा प्रधानाचार्य से प्रतिवेदन तलब किया गया था.
महाविद्यालय स्तर पर प्रधानाचार्य का वेतन निर्धारण करते हुयेू पत्रांक जी/एस - 169/17 दिनांक 17 अगस्त 2017 की प्रतिवेदन विवि को समर्पित किये जाने के बावजूद एक शिक्षक प्रतिनिधि डा विपिन कुमार सिंह द्वारा आरोप लगाकर प्रधानाचार्य एवं कुलसचिव के छवि को धूमिल करना बहुत ही खेदजनक है. ज्ञातव्य हो कि डा विपिन कुमार सिंह 2013 में विवि में बजट सह लेखा पदाधिकारी के रूप में कार्यरत थे. फिर उस समय उन्होंने अपने दायित्व का निर्वहन क्यों नहीं किया. इससे यह स्पष्ट होता है कि डा सिंह विवि के कुछ पदाधिकारी की संलिप्ता से प्रधानाचार्य और कुलसचिव ही नहीं बल्कि विवि की छवि को धूमिल कर रहा है. संतोष ने कुलपति से अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसे अनर्गल आरोप लगाने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाय और अपने स्तर से जांच कर कार्रवाई की जाय ताकि विवि की छवि पर कोई आंच नहीं आवे.