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गुरुवार, 2 नवंबर 2017

खबर का असर: फर्जी डॉक्टरों के भरोसे अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक एवं पैथोलॉजी को किया जायेगा सील, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की कार्रवाई

संपादक- आर.के. झा
न्यूज एक्सप्रेस नाउ व मधेपुरा एक्सप्रेस अभियान चला कर चलाये गये खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला पदाधिकारी मो सोहैल ने मधेपुरा में फर्जी डॉक्टरों के भरोसे अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक एवं पैथोलॉजी को सील करने का निर्देश दिया है. डीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू करते हुए अवैध रूप से चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक एवं पैथोलॉजी पर कार्रवाई शुरू कर दी है. इस कड़ी में अवैध ढंग से चल रहे पैथोलॉजी जांच घर, डायग्नोस्टिक सेंटर को सिविल सर्जन ने पत्र भेज अविलंब बंद कर स्पष्टीकरण देने को कहा है. वहीं सिविल सर्जन डा गदाधर प्रसाद पांडे ने कहा कि स्पष्टीकरण नहीं देने वाले पैथोलॉजी जांच घर एवं डायग्नोस्टिक सेंटर को सील करते हुए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. सीएस ने कहा कि नोटिस की समय सीमा समाप्त होते ही अन्य पर भी गाज गिरनी तय है. उसे भी सील कर कार्रवाई की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग से मिल रही जानकारी के अनुसार डीएम मो सोहैल ने जिले में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी बंद करने का अल्टीमेटम दिया है.






इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम का गठित कर दी है. गौरतलब है कि बीते शनिवार की रात फर्जी डॉक्टर के भरोसे अवैध रूप से संचालित निजी नर्सिंग होम में दर्द से तड़प तड़प कर हुयी प्रसुता की मौत के बाद से स्वास्थ्य महकमा सवालों में घिर गया था. चूंकि जिले में संचालित नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी की जांच स्वास्थ्य विभाग के जिम्मे है. जब इसकी पड़ताल की गयी तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये. केवल शहर में सौ से अधिक ऐसे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के बोर्ड व साइन बोर्ड लगे दिखे जिस पर बड़े बड़े डॉक्टर के नाम लिखे थे. मुख्यालय के अलावे विभिन्न प्रखंडों में इनकी संख्या पांच सौ से अधिक बतायी जा रही है. जबकि हैरत करने वाली बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग से पूरे जिले में केवल 49 नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का औपबंधिक पंजीयन हुआ है. जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता व सिविल सर्जन के संयोजन में बैठक कर इनका पंजीयन किया गया था. इसमें 44 नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी की पंजीयन की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. इस प्रकार जिले में केवल पांच नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी हैं जिन्हें वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग से औपबंधिक पंजीयन प्राप्त है. जबकि स्वास्थ्य विभाग ने छह माह के भीतर एमसीआई के मानक अनुसार संसाधन व सुविधा को पूरा करने का निर्देश दिया है. इसके बाजवूद एमसीआई के मापदंड को पूरा करने में असफल मधेुपरा के नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी क्लिनिकल स्टेबलिशमेंट एक्ट का अनुपालन अब तक नहीं हो रहा है. अगर स्वास्थ्य विभाग सख्ती से कार्रवाई करती है तो अधिकांश नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का शटर गिर जायेगा. उधर, बताया जा रहा है कि एमसीआई के मानक अनुसार नर्सिंग होम व क्लिनिक में डॉक्टर को एमबीबीएस की डिग्री तो पैथोलॉजी खोलने के लिए एमडी डॉक्टर का होना अनिवार्य है. इसके अलावे एमसीआई के मापदंड के अनुसार नर्सिंग होम व क्लिनिक में मरीजों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए. परंतु इन नियमों की अनदेखी कर नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का संचालन हो रहा है. मुख्यालय सहित पूरे जिले में संचालित पांच सौ से अधिक नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी में डिग्रीधारी डॉक्टर की बात तो दूर वहां कार्यरत कंपाउंडर व नर्स भी फर्जी बताये जा रहे हैं. जबकि एमसीआई के मानक अनुसार नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी में कार्यरत नर्स को नर्सिंग कोर्स करना अनिवार्य है. बिना प्रशिक्षित नर्स व कंपाउंडर के भरोसे चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ भी स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने जा है. जिले में करीब डेढ़ सौ से अधिक जांच घर का संचालन किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने मानक को पूरा नहीं करने वाले 23 पैथोलॉजी जांच घर व डायग्नोस्टिक सेंटर पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. जल्द ही इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होगी. इधर, सदर अस्पताल मधेपुरा के सिविल सर्जन डा गदाधर प्रसाद पांडे ने कहा कि डीएम के निर्देश पर जिले सहित प्रखंडों में अवैध रूप से संचालित नर्सिंग होम, क्लिनिक एवं पैथोलॉजी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है. पहले स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग जल्द ही ऐसे क्लिनिक को सील करने की कार्रवाई शुरू करेगी.

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