संपादक- आर.के. झा
आर के के कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ वहा कार्यरत कर्मियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षेतर कर्मियों ने विवि दुआरा कॉलेज को समय-समय पर दी गई अनुदान राशी के गबन का भी आरोप लगाया है। उन लोगो ने कर्मियों का लम्बे समय से की जा रही शारीरिक आर्थिक और मानसिक शोसन के उच्स्तारिया जाच की मांग की है।
आर के के डिग्री कॉलेज शिक्षक एवं शिक्षेतर कर्मचारी संघ की एक बैठक गुरुवार को कॉलेज प्रांगन में प्रो हरी प्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुई।
इसमें परिक्षार्थियो के भविष के साथ हुए खिलवार पर आक्रोश व्यक्त किया गया।बैठक में कहा गया की इससे विवि और महाविद्यालय दोनों की छवि ख़राब हुई। ऐसे दोषियों के प्रति करी करवाई की जाये। दोषियों के जगजाहिर रहने के बावजूद कॉलेज कर्मियों को कोपभाजन का शिकार होना पर रहा है। प्राचार्य दुआरा कोलेज बंद कर गम हो जाने के कारन सारे कर्मी कोलेज में शाम तक खरा रहकर चले जाते है। विवि इस मामले में अविलम्ब संज्ञान लेकर पठन-पाठन एवं विधि व्यवस्था बहाल करने पर विचार करे।
बैठक में 2007 से 2011 तक विवि दुआरा दी गयी अनुदान राशी पर भी चर्चा हुई। कहा गया की विवि दुआरा समय -समय पर कोलेज को दी गयी अनुदान राशी का आज तक कोलेज कर्मियों के बिच सही ढंग से वितरण नही किया गया। वर्ष 2010- 11में विवि दुआरा कोलेज को 19 लाख 89 हजार 468 रुपये की अनुदान राशी दी गयी।लेकिन उसमे से मात्र 8 लाख 85 हजार का ही वितरण किया गया।बाकि अनुदान राशी का कोई हिसाब-किताब नही है। इसकी उच्स्तारिया जाच होनी चाहिए। अनुदान राशी का वितरण 13 जून 2017 को पत्रांक 23-17 के दुआरा 5 लाख 97 हजार की राशी कर्मियों के खाते में भेजी गयी। यह राशी चेक संख्या 966189 के दुआरा दी गयी।
जिसमे श्यामनंदन राय को हर्सिचंद्र प्रसाद;वीरेंद्र कुमार;मणिकांत सिंह; शकील अहमद; संतोष कुमार वर्मा; हरी प्रसाद यादव; इंदु भूसन यादव; विनोद कुमार; अशोक कुमार यादव; राम प्रवेश कुमार के खाते में 15-15 हजार की राशी डाली गयी। इसके बाद अनुदान के राशी की दूसरी क़िस्त का विवरण 5 अगस्त 2017 को पत्रांक आरके-32-17 के दुआरा बैंक को 1 लाख 54 हजार की राशी कई कर्मियों के खातो में भेजी गयी। यह राशी चेक संख्या 4322883 के दुआरा भेजी गयी। तीसरी क़िस्त 19 अगस्त 2017 को कोलेज के पत्रांक आरके 35-17 के दुआरा एक लाख दो हजार की राशी चेक संख्या 432885 के दुआरा कर्मियों के भुगतान के लिए भेजी गयी।
आर के के कॉलेज के प्राचार्य के खिलाफ वहा कार्यरत कर्मियों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षेतर कर्मियों ने विवि दुआरा कॉलेज को समय-समय पर दी गई अनुदान राशी के गबन का भी आरोप लगाया है। उन लोगो ने कर्मियों का लम्बे समय से की जा रही शारीरिक आर्थिक और मानसिक शोसन के उच्स्तारिया जाच की मांग की है।
आर के के डिग्री कॉलेज शिक्षक एवं शिक्षेतर कर्मचारी संघ की एक बैठक गुरुवार को कॉलेज प्रांगन में प्रो हरी प्रसाद यादव की अध्यक्षता में हुई।
इसमें परिक्षार्थियो के भविष के साथ हुए खिलवार पर आक्रोश व्यक्त किया गया।बैठक में कहा गया की इससे विवि और महाविद्यालय दोनों की छवि ख़राब हुई। ऐसे दोषियों के प्रति करी करवाई की जाये। दोषियों के जगजाहिर रहने के बावजूद कॉलेज कर्मियों को कोपभाजन का शिकार होना पर रहा है। प्राचार्य दुआरा कोलेज बंद कर गम हो जाने के कारन सारे कर्मी कोलेज में शाम तक खरा रहकर चले जाते है। विवि इस मामले में अविलम्ब संज्ञान लेकर पठन-पाठन एवं विधि व्यवस्था बहाल करने पर विचार करे।
बैठक में 2007 से 2011 तक विवि दुआरा दी गयी अनुदान राशी पर भी चर्चा हुई। कहा गया की विवि दुआरा समय -समय पर कोलेज को दी गयी अनुदान राशी का आज तक कोलेज कर्मियों के बिच सही ढंग से वितरण नही किया गया। वर्ष 2010- 11में विवि दुआरा कोलेज को 19 लाख 89 हजार 468 रुपये की अनुदान राशी दी गयी।लेकिन उसमे से मात्र 8 लाख 85 हजार का ही वितरण किया गया।बाकि अनुदान राशी का कोई हिसाब-किताब नही है। इसकी उच्स्तारिया जाच होनी चाहिए। अनुदान राशी का वितरण 13 जून 2017 को पत्रांक 23-17 के दुआरा 5 लाख 97 हजार की राशी कर्मियों के खाते में भेजी गयी। यह राशी चेक संख्या 966189 के दुआरा दी गयी।
जिसमे श्यामनंदन राय को हर्सिचंद्र प्रसाद;वीरेंद्र कुमार;मणिकांत सिंह; शकील अहमद; संतोष कुमार वर्मा; हरी प्रसाद यादव; इंदु भूसन यादव; विनोद कुमार; अशोक कुमार यादव; राम प्रवेश कुमार के खाते में 15-15 हजार की राशी डाली गयी। इसके बाद अनुदान के राशी की दूसरी क़िस्त का विवरण 5 अगस्त 2017 को पत्रांक आरके-32-17 के दुआरा बैंक को 1 लाख 54 हजार की राशी कई कर्मियों के खातो में भेजी गयी। यह राशी चेक संख्या 4322883 के दुआरा भेजी गयी। तीसरी क़िस्त 19 अगस्त 2017 को कोलेज के पत्रांक आरके 35-17 के दुआरा एक लाख दो हजार की राशी चेक संख्या 432885 के दुआरा कर्मियों के भुगतान के लिए भेजी गयी।