पूर्णिया। बिहार में शराबबंदी के डेढ़ साल बीतने के बाद भी शराब का काला कारोबार थम नहीं रहा है। शराब तस्कर तकनीक और तरकीब के सहारे उत्पाद कानून का उल्लंघन कर शराब कारोबार को गुलजार कर रहे हैं। ऐसे सैकड़ों लोग हर माह उत्पाद अधिनियम के तहत जेल भेजे जा रहे हैं। फिर भी धंधा मंदा नहीं हो रहा है।
तस्कर सीमा पार से शराब लाने से लेकर होम डिलेवरी तक का चेन तैयार कर शराब धंधा को संचालित कर मोटी कमाई कर रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण पूर्णिया आसपास के जिलों के तस्करों का मुख्य ठिकाना बना हुआ है। तस्कर यहां से कोसी और सीमांचल क्षेत्र में बंगाल से शराब की खेप मंगाकर सप्लाई करते हैं। कई बार पूर्णिया के रास्ते अररिया, कटिहार, मधेपुरा और सहरसा भेजे जाने के दौरान शराब पकड़ाई है। पुलिस रिकार्ड में दर्ज मामले इस बात की तस्दीक कराती है कि उत्पाद अधिनियम के सख्त कानून के बावजूद लोग शराब कारोबार से बाज नहीं आ रहे हैं।
जिला में पिछले पांच माह में उत्पाद कानून के तहत 628 मामले दर्ज किए गए हैं और 919 लोग सलाखों के पीछे भेजा जा चुके है। इसमें पिछले छह माह से हर माह से लगातार 100 से अधिक लोगों को जेल भेजा जा रहा है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि शराब कारोबार और शराब का सेवन कर पकड़ाए लोगों को सलाखों के पीछे भेजे जाने के बाद भी लोग शराब से तौबा नहीं कर रहे हैं।
छह माह में शराब के दर्ज मामले और गिरफ्तार लोग----
माह मामला गिरफ्तार
अप्रैल 92 121
मई 109 189
जून 125 188
जुलाई 105 144
अगस्त 86 116
सितंबर 111 161