बिहार के सहरसा जिले की बदनाम गली के नाम से चर्चित रेड लाइट एरिया में बाहर की लड़कियों को फंसाकर लाने व देह व्यापार कराने का मामला प्रकाश में आया है। वहां से भागी दो किशोरी ने इसका खुलासा किया है। मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
बरामद दोनों लड़की की ही अपनी कहानी
पश्चिम चंपारण की रहने वाली किशोरी ने बताया कि वो अपनी चाची के यहां बचपन से रहती थी। करीब 10-12 दिन पहले अपनी सहेली से मिलने गई थी। वहां से लौटने के दौरान रास्ते में उसकी मुलाकात एक महिला से हुई। वहीं महिला से बातचीत होने लगी तो उसने अपने साथ घर जाने की बात कही। इंकार करने पर नौकरी का झांसा देकर साथ चलने को कहा। गरीबी के कारण उसके लड़की उसके साथ चली गई। किशोरी ने बताया कि महिला अनिता देवी के साथ उनका देवर विक्रम उसके रहता था। वहीं उसे बेहोश कर रेड लाइट एरिया ले गया। लेकिन छोटी दिवाली की रात वहां से किसी तरह से लड़कियां भागकर स्टेशन आ गई।
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प्रतीकात्मक तस्वीर |
प्रेमी से मिलने के चक्कर में पहुंची रेड लाइट एरिया
पटना जिला की बरामद दूसरी किशोरी ने बताया कि उसे गांव के ही एक लड़के से प्यार हो गया था। जहां वह अपने प्रेमी से मिलने गई थी, लेकिन गांव के कुछ लोगों ने लड़की को देख लिया और घर में परिजन से घटना के बारे में कहने की बात कही। जिस कारण लड़की डर गई और एक रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई। स्टेशन पर एक महिला से मिली जिसने बहला-फुसलाकर उसे अपने साथ घर ले गई। वहां से सहरसा रेड लाइट एरिया पहुंच गई। जहां प्रमोद नाम के व्यक्ति के यहां रख दिया और बोली कि यह मेरा भाई है। तभी से मेरे साथ गलत काम करने लगा। वहां करीब एक माह तक रहने के बाद एक दीदी मिली जिसके सहयोग से वहां से भाग गई। जहां से जीआरपी द्वारा चाइल्ड लाइन को सौंपा गया।
मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। दोनों किशोरी की मेडिकल जांच कराने का निर्देश दिया गया है। जबकि संरक्षण के दिशा में भी कार्रवाई की जा रही है।
गणपति ठाकुर, डीएसपी, मुख्यालय, सहरसा