बिहार में लगातार सामूहिक बलात्कार की घटना बढती जा रही है. जो प्रशासन के सतझ-साथ हमारे समाज के लिए भी चुनौती के साथ-साथ शर्मनाक घटना है. घटती घटना में एक चौंकाने वाली बात सामने में आई है. इसमें अधिकतर नाबालिक लड़कियों के साथ बलात्कार हुई है और ये भी सोचने का विषय है कि इसमें बलात्कार करने वाले भी अधिकतर नाबालिक लड़कों या युवकों ने दुष्कर्म किया और यहाँ तक की उसका विडियो भी वायरल कर दिया ये सच में हमारे समाज के लिए सोचने का विषय है.
इन घटनाओं की जानकारी के बाद हालांकि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि ये घटनाएं क्यों दिन-ब-दिन इतनी ज्यादा बढ़ती जा रही हैं? दुष्कर्म करने के बाद उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देने के बाद उस पीड़िता की मनः स्थिति कितनी विचलित होती होगी, ये शायद उससे ज्यादा कोई नहीं समझ सकता।
दस दिनों में बिहार में मिली जानकारी के मुताबिक पांच घटनाएं घटी हैं, जो शर्मिंदा करने वाली है.....
पहला केस
पहली घटना बिहार के मुजफ्फरपुर के कटरा थाना क्षेत्र में मेला देखकर घर लौट रही नाबलिग के साथ गांव के ही 4 मनचलों ने सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर बदमाशों ने पीड़िता का मोबाइल से अश्लील वीडियो बनाकर वायरल कर दिया।
28 सितंबर को हुई इस वारदात को दबाने के लिए पंचायत भी बुलाई गई, जिसमें मामले को रफा-दफा करने की बात कही गई। लेकिन पुलिस ने घटना के बाद युवकों को गिरफ्तार कर लिया है, एक लड़के ने कबूला कि उसने पोर्न फिल्म देखकर एेसा किया।
दूसरा केस
दूसरी घटना समस्तीपुर की है, जहां चार लोगों ने पूजा करने जा रही नाबालिग लड़की को अगवा किया और अंधेरे कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया और फरार हो गए। घटना 27 सितंबर को हुई जिसके बाद पंचायत ने मामले को दबाने की कोशिश की लेकिन पुलिस में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने चारों युवकों को गिरफ्तार कर लिया।
तीसरा केस
बक्सर में एक युवती को शादी का झांसा देकर उसका प्रेमी उसे आरा ले गया और वहां दोस्तों के साथ मिलकर चार दिनों तक दुष्कर्म किया और फिर उसे आरा से बक्सर लेकर आया और स्टेशन पर छोड़कर फरार हो गया। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है। घटना पांच अक्टूबर की है।
चौथा केस
बांका जिले के सुईया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग छात्रा के साथ उसी गांव के तीन युवकों द्वारा दुष्कर्म करने और उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
अंतुआ गांव की रहने वाली पीड़िता चार अक्टूबर को गांव के ही समीप जंगल में बकरी चराने गई थी। आरोप है कि इसी दौरान गांव के ही तीन युवकों ने नाबालिग पीड़िता को जबरन दबोच लिया और उसके साथ दुष्कर्म किया। इस दौरान युवकों ने दुष्कर्म का वीडियो बनाकर सोशल साइट पर वायरल कर दिया।
घटना के बाद गांव के पंचायत में भी मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया, लेकिन जब मामला सामाजिक स्तर पर नहीं सुलझा, तब पीड़िता शुक्रवार को सुईया थाना पहुंची और इस मामले की शिकायत की। सुईया थाना ने इस मामले को महिला थाने को सौंप दिया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पांचवां केस
सीवान जिले के एक गांव के युवक ने पहले अपने दो दोस्तों की मदद से लड़की की रेकी करायी। इसके बाद मौका पाते ही उसे दबोच लिया और उसके बाद दुष्कर्म कर फरार हो गया। दिया। मुंह काला करने के बाद शिव कुमार वहां से फरार हो गया। दर्द से जूझती लड़की घर पहुंचकर अपने ऊपर हुए जुल्म की कहानी सुनाई।
वजह क्या है ये बताया मनोविद बिंदा सिंह ने...
इस बारे में दैनिक जागरण से बात करते हुए पटना की प्रख्यात मनोविद बिंदा सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लगातार बढती जा रही हैं, जिनपर लगाम लगाना बहुत जरूरी है और इसके लिए हम सबको मिलकर सोचना होगा, नाबालिग लड़कियों के साथ हो रहीं एेसी घटनाएं समाज के लिए शर्मनाक है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए पूरी तरह घर का माहौल और आसपास का परिवेश, लोगों का एकाकीपन और बच्चों के बीच बढ़ता जा रहा स्मार्टफोन का क्रेज, पूरी तरह से जिम्मेदार है। आजकल लोग बच्चों को होश संभालते ही स्मार्टफोन खेलने के लिए दे देते हैं, लेकिन कोई देखता नहीं कि वह क्या देख रहा है? क्या कर रहा है? आजकल स्मार्टफोन में सबकुछ मौजूद है जिसे देखकर उत्तेजना बढ़ती है और एेसी घटनाएं ज्यादा घट रही हैं।
छोटे-छोटे बच्चे भी आजकल टीवी और सोशल साइट्स पर एेसे सींस देखते हैं जो फिर दुहराने की कोशिश करते हैं उन्हें ये पता नहीं होता कि क्या कर रहे हैं? उन्होंने बताया कि मेरे पास आजकल एेसे कई केसेज आ रहे हैं जिनमें बच्चे और किशोरों ने रेप की घटना को अ्ंजाम दिया है।
आजकल तरह-तरह गेम हैं जो बच्चों को एेसा करने को प्रेरित करते हैं और बच्चे जब अकेले या दोस्तो के साथ एेसे गेम्स खेलते हैं तो उनके मन-मस्तिष्क पर ये गेम्स काफी ज्यादा प्रभाव डालते हैं और बच्चे और किशोर एेसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जो युवा और वृद्ध इस तरह की घटना को अंजाम देते हैं वो मनोरोग के शिकार होते हैं और अकेलेपन से घिरे रहते हैं। एेसे लोगों में यौन इच्छा वाले हार्मोन कुछ ज्यादा सक्रिय होते हैं और वक्त मिलते ही ये लोग एेसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। एेसे लोगों को काउंसिलिंग की जरूरत होती है।
एेसी घटनाओं पर यूं लगाम लगाई जा सकती है....
-माता-पिता बच्चों से बात-चीत करें, उन्हें सही गाइडेंस दें
-स्मार्टफोन का इस्तेमाल ना करने दें, दें तो सावधानी रखें कि बच्चा क्या देख रहा है?
-कंप्यूटर और इंटरनेट पर बच्चा क्या देख रहा है इसपर नजर रखें
-लड़कों को महिलाओं और लड़कियों की इज्जत करना सिखाएं
-दोस्तों और संगति पर ध्यान दें
-ज्यादा से ज्यादा वक्त बच्चों के साथ बिताएं, उन्हें अकेलापन ना महसूस होने दें
-हर मुद्दे पर बात करें, बच्चों को सही मार्गदर्शन दें
-जिन्हें जरूरत हो उनकी काउंसिलिंग करवाएं
-लड़कियों को भी ट्रेनिंग दें, ताकि वो अपनी रक्षा कर सकें
-लड़का और लड़की दोनों को समान शिक्षा देना जरूरी है