डी.एल.एड के नाम पर हो रही भारी फर्जीवाडा, जानिए इसके बारे में पूरी जानकारी, आखिर क्यूँ नहीं हो रही कार्यवाही - News Express Now :: Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, | हिन्दी न्यूज़ लाइव

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2017

डी.एल.एड के नाम पर हो रही भारी फर्जीवाडा, जानिए इसके बारे में पूरी जानकारी, आखिर क्यूँ नहीं हो रही कार्यवाही

राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय द्वारा डीएलएड (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) कोर्स में पंजीयन कराने के नाम पर जिले में उगाही का खेल चल रहा है। फर्जी ढंग से कागज पर विद्यालय को बनाकर शिक्षक बहाली किया जा जा रहा है। इस खेल में 25 से 30 हजार रुपए तक की वसूली की जा रही है। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार

द्वारा शिक्षकों को डीएलएड कोर्स अनिवार्य रुप से करने की घोषणा के बाद अप्रत्याशित ढंग से विद्यालय खुलने लगे हैं। 25 अगस्त के बाद सिर्फ मधेपुरा में 166 नए विद्यालयों के लिए विभाग को ऑन लाइन आवेदन दिया है। सभी ने एकीकृत सूचना प्रणाली (यू-डायस) के तहत कोड भी हासिल कर लिया है। विभाग भी मान रही है कि अचानक जिला में फर्जी यू-डायस खोलने की होड़ लग गई है। विभाग ऐसे फर्जी ढंग से खुल रहे विद्यालयों की जांच को टीम गठित करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।


क्या है सरकार का निर्देश
केन्द्र सरकार ने घोषणा किया है कि निजी विद्यालय में प्रशिक्षित शिक्षक ही कार्य करेंगे। वहीं सभी मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय संचालकों को इस बाबत निर्देश दिया है कि छह माह के अंदर सभी सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय द्वारा ऑनलाइन आवेदन कर डीएलएड कोर्स कराएं। सरकार के इस निर्देश के बाद पूरे जिला में निजी

विद्यालय में अचानक शिक्षकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो गई। विभाग ने तत्काल डीएलएड द्वारा कुल पंजीकृत शिक्षकों का आंकड़ा देने में असमर्थता जता रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि क्षमता व जरूरत से अधिक शिक्षकों का इस कोर्स के लिए जिला में पंजीयन हुआ है।

विद्यालय के निबंधन की मची है होड़
जिला में इस समय कुल 81 विद्यालय निबंधित है। वहीं विगत दो साल से लगभग 50 की संख्या में विद्यालय निबंधन के प्रत्याशा में है। लेकिन सरकार की इस घोषणा के बाद अचानक विद्यालय के निबंधन की होड़ मच गई है। विभाग से



मिली जानकारी के अनुसार एक माह में विभाग से पास डेढ़ सौ से अधिक विद्यालय ने पंजीयन के लिए आवेदन दिया है। जानकारी के अनुसार इसमें अधिकतर ऐसे विद्यालय है जो केवल डीएलएड में नामांकन के लिए विद्यालय बनाया गया है। जानकार बताते हैं कि ऐसे विद्यालय लोगों से डीएलएड कराने के नाम पर 25 से 30 हजार तक लिया जा रहा है। इतना ही नहीं ऐसे लोगों ने कई फर्जी नाम से विद्यालय बनाकर कोड भी हासिल कर लिया है।

विभाग इस मामले में पूरी तरह से सजग है। फर्जी आवेदन की जांच के बाद ऐसे लोगों पर फर्जी का मामला भी दर्ज कराया जाएगा।
गिरीश कुमार
डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान

Post Bottom Ad

Pages