बिहार के सीएम नीतीश कुमार की आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात के बाद महागठबंधन में जारी टकराव के थमने की उम्मीदें जगी थीं। हालांकि, बुधवार को जेडीयू और आरजेडी के नेताओं ने एक बार फिर एक दूसरे के खिलाफ जुबानी हमला शुरू कर दिया। ऐसे में किसी तरह के समझौते की गुंजाइश अब करीब-करीब खत्म होती नजर आ रही है।
लालू के नजदीकी माने जाने वाले बिहार के पूर्व मंत्री शिवानंद तिवारी ने कहा कि महागठबंधन में जारी तनाव खत्म हो चुका है। इसके कुछ देर बाद ही जेडीयू के अजय आलोक ने द टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, 'नीतीश जी और तेजस्वी के बीच मंगलवार को क्या बातचीत हुई, इसकी न तो हमें जानकारी है और न ही हमें कोई चिंता है। पार्टी के तौर पर जेडीयू इस बात पर कायम है कि तेजस्वी को भ्रष्टाचार के आरोपों पर सफाई देनी चाहिए। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस हमारे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा है।'
जेडीयू की ओर से आए इस बयान पर तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा, 'ऐसा लगता है कि इन्होंने (नीतीश) बीजेपी से डील कर लिया है। पांच मिनट भी कुर्सी से अलग नहीं रह सकते।' तिवारी ने यह भी कहा कि लालू के परिवार ने अपनी संपत्ति को लेकर पर्याप्त सफाई दी है। अब नीतीश को बिहार की जनता के सामने साफ करना है कि क्या उन्होंने बीजेपी के साथ कोई गुप्त समझौता किया है? नाराज तिवारी ने कहा, 'क्या वह (नीतीश) बिहार के ठेकेदार हैं, जिन्हें लोग हर तरह की सफाई देते रहें? गठबंधन में दरार की खबर आने के बाद से ही बीजेपी की ओर से बढ़ाए जा रहे मदद के हाथ पर वह सफाई क्यों नहीं देते? बीजेपी यह कह रही है कि अगर आरजेडी गठबंधन से अलग हो जाती है तो वह नीतीश सरकार को गिरने नहीं देगी।'
सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने मंगलवार को से मुलाकात के दौरान कहा कि वह पद नहीं छोड़ेंगे और सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के मामले में कानूनी रास्ता अख्तियार करेंगे। आरजेडी सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों मसलन-यूपी के योगी आदित्यनाथ, हिमाचल प्रदेश के वीरभद्र सिंह और झारखंड के रघुबर दास का उदाहरण दिया, जो आपराधिक आरोपों के बावजूद अपने पद पर कायम हैं। हालांकि, जेडीयू सूत्रों का कहना है कि नीतीश तेजस्वी की सफाई से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने तेजस्वी से कहा कि सीबीआई के पास उनके खिलाफ ठोस सबूत हैं। माना जा रहा है कि सीएम ने तेजस्वी से यह भी कहा कि वह भ्रष्टाचार के मुद्दों पर समझौता नहीं कर सकते। इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों के दबाव का हवाला दिया।