मधेपुरा/बिहार: मधेपुरा जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों-मधेपुरा, सिंहेश्वर(सुरक्षित सीट), आलमनगर और बिहारीगंज सीट पर कांटे की टक्कर है। एनडीए हो या महागठबंधन, उनके लिए सीट निकाल लेना आसान नहीं दिख रहा है। बीते चुनाव की ही तरह यहां विकास बनाम जाति का फैक्टर काम कर रहा है। पहले चरण में 6 नवंबर को सभी चार विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग होनी है। मतदान कर्मी से लेकर सुरक्षा बल तक बुधवार को ही संबंधित बूथों की ओर रवाना हो गए। प्रचार अभियान बंद हो चुका है।
मधेपुरा सदर विधानसभा में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। राजद के सिंटिंग विधायक प्रो चन्द्रशेखर के सामने एक तरफ जदयू की कविता साहा तो दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्याशी ई. प्रणव प्रकाश मुश्किल बढ़ा रहे हैं। वह राजद का वोट बैंक रहे यादव जाति के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं। निर्दलीय प्रत्याशी राजद और जदयू के परंपरागत वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब हुए तो परिणाम चौकाने वाला हो सकता है।
यहाँ मुकाबला दिलचस्प होने के आसार हैं।
मधेपुरा सदर विधानसभा सीट पर 1990 से जनता दल, राजद, जदयू का कब्जा रहा है। यहां से बीजेपी सिर्फ एक बार वर्ष 2015 में चुनाव लड़ी है, लेकिन जीत नहीं पाई।
इस बार के चुनाव में जनसुराज पार्टी के मैदान में आने के बाद सभी चारों विधानसभा क्षेत्रों में नजदीकी मुकाबला होता दिख रहा है। एनडीए और महागठबंधन के बीच जनसुराज कहां किस क्षेत्र में कैंडिडेट्स(प्रत्याशियों) के लिए चुनावी बाजी को आसान और मुश्किल बनाएगा या फिर खुद रेस में आगे निकल जाएगा, यह 14 नवंबर के चुनाव परिणाम से ही स्पष्ट हो पायेगा।।


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