मधेपुरा/बिहार: भूपेन्द्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैम्पस स्थित विश्वविद्यालय मनोविज्ञान विभाग के कॉन्फ्रेंस हॉल में
"दैनिक जीवन में मनोविज्ञान की उपयोगिता" शीर्षक
आधारित एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया।
बीएनएमयू के सहाध्यापक डॉ बिनोद कुमार दयाल विशिष्ट अतिथि थे, एवम विश्वविद्यालय के क्रीड़ा पदाधिकारी डॉ मो. अबुल फजल मुख्य अथिति थे।
डॉ दयाल ने अपने संबोधन में बताया कि मनोविज्ञान आधुनिक विश्व का उभरता हुआ विज्ञान है जो जीवन के सभी आयामों का अध्ययन कर रहा है। जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां मनोविज्ञान नहीं है।
मुख्य अतिथि डॉ फजल ने मनोविज्ञान की उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि आज मनोविज्ञान हैल्थ के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने बताया कि मनोविज्ञान मानव में बौद्धिक क्षमता का विकास करता है, संयम लाता है और लक्ष्यपूर्ण जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
अध्यक्षीय स्पीच में एचओडी प्रो डॉ रहमान ने बताया कि कोरोना काल से लेकर आज तक मनोवैज्ञानिकों के सामने चुनौतियां ही चुनौतियां हैं। कोरोनाकल में जब मेडिकल साइंसेज विफल हो रहा था उस समय मनोविज्ञान एवम मनोवैज्ञानिकों ने अपनी महत्ती भूमिका निभाई है। आज भी मनोविज्ञान के सामने मानसिक स्वास्थ्य पर नियंत्रण रखना एक चुनौती है। मानव एवम जानवरों के व्यवहार में बड़ी तेज़ी से परिवर्तन आया है जिस से अनेकों प्रकार के मनोव्याज्ञानिक विकार सामने आ रहे हैं।
इंटरनेट और सोशल मीडिया माध्यम के दुष्प्रभाव से निपटना भी मनोविज्ञान की जिम्मेवारी बन गईं है। युवाओं को सभ्य नागरिक बनाना भी मनोविज्ञान की अहम जिम्मेवारी बन गई है।
मंच का संचालन विभाग की छात्रा नुजहत परवीन ने किया।
सेमीनार में छात्र एवम छात्राओं ने भी अपने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए और अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि एवम विशिष्ट अतिथि के हाथों कुछ छात्र एवम छात्राओं को उनके द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर मेमेंटो प्रदान किया गया।।
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