मधेपुरा/बिहार: बीएन मंडल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को आयोजित सीनेट की बैठक शुरू होने से पूर्व विभिन्न छात्र संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान विवि परिसर में तीन घण्टे तक छात्रों ने जोरदार हंगामा किया।
छात्रों के हंगामे के कारण दो घंटे बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इससे पहले कुलपति डा आर के पी रमण, प्रतिकुलपति डा आभा सिंह, कुलसचिव डा मिहिर कुमार ठाकुर ने दीप प्रज्वलित कर 23वें सीनेट का विधिवत उद्दघाटन दीप प्रज्वलित कर किया गया। सीनेट से 10 अरब 78 करोड़ 68 लाख का बजट पारित हुआ।
बैठक में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय का वित्तीय वर्ष 2023-24 का वार्षिक बजट का अनुमोदन किया गया। विश्वविद्यालय द्वारा कुल अनुमानित खर्च 10 अरब 78 करोड़ 68 लाख 7 हजार 290 रुपए दिखाया गया। जिसमे नान प्लान में 6 अरब 56 करोड़ 96 लाख 6028 रुपए और प्लान मद में चार अरब 21 करोड़ 66 लाख 1272 रुपए दिखाया गया। जबकि विश्वविद्यालय का कुल अनुमानित आय एक अरब 41 लाख 61 जहर 562 रुपए बताया गया। इस प्रकार विश्वविद्यालय के आय को घटाकर नौ अरब 31 करोड़ 41 लाख 73 हजार 895 रुपए सरकार से मांग किया जायेगा। बजट को सदस्यों ने कुछ देर चर्चा के बाद सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया। बैठक में पारित बजट को सरकार से राशि की मांग की जाएगी।
कुलपति डा आरकेपी रमण की अध्यक्षता में आयोजित सीनेट की बैठक में प्रति कुलपति डा आभा सिंह ने बजट की कापी सदन में प्रस्तुत किया। प्रतिकुलपति द्वारा बजट अभिभाषण के बाद कुछ देर तक बहस के बाद बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया। सीनेट द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 10 अरब 78 करोड़ 63 लाख 37 हजार 290 रुपए अनुमानित खर्च बताया गया है। जबकि विश्वविद्यालय का अनुमानित आय एक अरब 47 करोड़ 21 लाख 63 हजार 394 बताया गया है। इस प्रकार सरकार से 9 अरब 31 करोड़ 41 लाख 73 हजार 895 रुपए की मांग की जाएगी।
सीनेट की बैठक में अध्यक्षीय भाषण में कुलपति डा आरकेपी रमण ने कहा कि विश्वविद्यालय के स्थापना काल से मात्र नौ विषयों में पीजी की पढ़ाई होती थी, अब सरकार द्वारा 18 विषयों की स्वीकृति मिली है। इस प्रकार 27 विषयों में अब पीजी की पढ़ाई होगी। उन्होंने कहा कि पीएस कालेज मधेपुरा, बीएसएस कालेज सहरसा, एसएनएस आर के एस कालेज सहरसा, आरएम कालेज सहरसासहित अन्य कॉलेज में पीजी की पढ़ाई शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि पीजी में सीट की भी वृद्धि हुई है जिससे छात्रों को सुविधा मिली है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में व्यवसायिक पाठ्यक्रम पर विशेष ध्यान दिया गया है। कुलपति ने कहा कि शोध कार्य को बढ़ावा देने के लिए पैट- 21 का आयोजन किया जा रहा है। 'ई- लाइब्रेरी की दिशा में काम हो रहा है। विश्वविद्यालय और कालेज को नैक(NAAC) से मान्यता दिलाने के लिए काम को तेज किया गया है।
सीनेट बैठक में एमएलसी अजय सिंह ने कहा कि वर्तमान कुलपति के कार्यकाल में बेहतर कार्य हुआ है। लेकिन सीनेट की बैठक से मात्र 24 घंटे पूर्व उन्हें बजट की कापी उपलब्ध कराई गई। जिसके कारण बजट की त्रुटियों का अवलोकन नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। एमएलसी ने विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेजों पर लालूनगर अंकित नहीं होने पर नाराजगी जताई और इस ओर कुलपति का ध्यान आकृष्ट कराया।
आईक्यूएसी निदेशक सह सीनेट सदस्य डा नरेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में बेतहर शैक्षणिक माहौल स्थापित किया जा रहा है। छात्रहित में नार्थ कैंपस में भवन निर्माण, लाईब्रेरी आदि की आवश्यकता है।
सीनेटर मनीषा रंजन ने एमएचएम कालेज सोनवर्षा में शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय खोलने की घोषणा पर खुशी जाहिर की। साथ ही उन्होंने विभिन्न महाविद्यालयों में खेल की मृतप्राय स्थिति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सभी कालेजों में बेहतर खेल की व्यवस्था हो इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है। उन्होंने विवि में रोजगारपरक पाठ्यक्रम खोलने की भी मांग की।
सीनेट सदस्य डा अमरदीप ने एकेडमिक सीनेट की बैठक आयोजित की करने की मांग की।
लैप्टिनेंट गौतम ने सम्बद्ध कालेज के सेवा सामंजित शिक्षकों भी पीएच.डी. गाइड बनाने व पीएच.डी. सबमिशन शुल्क कम करने की मांग की।
सीनेटर रंजन यादव ने कहा कि सदन में जो भी निर्णय हो उसका ससमय अनुपालन किया जाए। पिछली बैठकों में जिन बिंदुओं को उठाया गया था उनमें अधिकांश समस्याओं का आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है। टीपी कालेज मधेपुरा में स्नातक स्तर पर कामर्स, भूगोल, होमसाइंस, समाजशास्त्र, गृह विज्ञान, म्यूजिक की पढ़ाई प्रारंभ की जाए। स्नातक में विगत कुछ वर्षों से कुछ विषय में सीट से कई गुना गुना ज्यादा आवेदन होने के कारण उन विषयों में नामांकन से छात्र वंचित हो रहे हैं।
अतः उन विषयों में सीट की बढ़ोतरी की जाए। विश्वविद्यालय स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में नए सिलेबस के अनुसार प्रामाणिक, प्रतियोगी व शोध पुस्तकें मंगाई जाए। विश्वविद्यालय में एमबीए, एमसीए, गांधी विचार, पत्रकारिता कोर्स, नाट्यशास्त्र, क्रोसपोंडेंस कोर्स, पीजी डिप्लोमा इन स्ट्रेस मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन योगा मैनेजमेंट सहित अन्य नए कोर्स, वोकेशनल कोर्स, प्रोफेशनल कोर्स व रोजगारपरक कोर्स शुरू किया जाए। विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए साथ ही बीएनएमयू के नॉर्थ कैंपस में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
एमएलसी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन में प्रशासकीय कौशल का घोर अभाव दिखता है।
डॉ जवाहर पासवान ने कहा कि एकेडमिक मुद्दे को लेकर बुलाई जाने वाली विशेष सीनेट बैठक का डेट या महीना सदन को क्लियर रूप में बतावें।
मौके पर डॉ संजीव कुमार सिंह डॉ राजकुमार सिंह, डॉ राम नरेश सिंह, रंजन यादव, डॉ अशोक कुमार यादव, डॉ राणा सुनील कुमार सिंह, डॉ नवीन कुमार, डॉ जवाहर पासवान, मनीषा रंजन, डॉ नरेश कुमार, डॉ अरबिंद कुमार, वीसी के निजी सहायक शम्भू नारायण यादव, डॉ गजेंद्र कुमार सहित अन्य सीनेट सदस्य मौजूद रहे।।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें