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मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

Big Breaking :फर्जी बीएड नामांकन में प्रोफेसर इंचार्ज पर गिरा पहला गाज, हटेंगे बीएड व एमएड के हेड


संपादक , Manish: बीएनएमयू में शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज पद से हटाए गए डा नरेश कुमार 

बीएन मंडल विश्वविद्यालय के फर्जी बीएड नामांकन मामले में विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डा नरेश कुमार पर पहला गाज गिरा है। वे शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज पद से हटाए गए हैं। इससे पहले दो दिसंबर को उच्च न्यायालय पटना के परमादेश में यह उल्लेखित है कि बीएड के एडमिशन इंचार्ज के हस्ताक्षर से यह नामांकन लिया गया है। न्यायदेश के क्रमांक आठ में न्यायालय ने यह तथ्य पाया की एडमिशन इंचार्ज ने हस्तलिखित टिप्पणी कर मनमाने ढंग से दिन के तीन बजे तक ही नामांकन लेने का आदेश दिया है। न्यायालय ने हस्तलिखित टिप्पणी का गहन अध्ययन कर पाया कि नोट सीट में चार छात्रों का नाम दर्ज पर छात्रों के प्राप्तांक का उल्लेख नहीं किया गया है। यह गलत व मनमाने ढंग से लिए गए नामांकन का जीता जागता उदाहरण है। विवि बीएड विभाग ने 12 नवंबर को एक सूचना संख्या 25 जारी कर नामांकन लेने के लिए चार सदस्यी एडमिशन कमिटी बनायी थी। इसमें शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो डा नरेश कुमार एडमिशन इंचार्ज बने थे। वहीं कमिटी में बतौर कम्प्यूटर सहायक सदस्य के रूप में एमएड के विभागाध्यक्ष डा बौद्ध प्रिय के साथ बीएड के तत्कालिक विभागाध्यक्ष डा पवन कुमार, शिक्षक सदस्य डा राम सिंह यादव को शामिल किया गया। इसी चार सदस्यीय कमिटी पर नामांकन की संपूर्ण जिम्मेवारी थी। न्यायालय ने एडमिशन में शामिल सभी लोगों को दोषी माना है। इधर, विवि स्तर पर बड़ी कार्रवाई होने के बाद हड़कंप मच गया है। माना जाता है कि इस मामले में एक शिक्षक के साथ एमएड के विभागाध्यक्ष और बीएड के तत्कालिक विभागाध्यक्ष भी नपेंगे।


उच्च न्यायालय पटना से पारित आदेश से तस्वीर साफ हो गई है। कोर्ट के निर्देश के बाद अब बीएनएमयू प्रशासन अपनी साख बचाने में जुट गई। विवि अधिकारी की माने तो न्यायादेश के आलोक में विवि प्रशासन ने यह बड़ी कार्रवाई की है। जबकि विवि शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डा नरेश कुमार ने कहा वे दो साल पहले ही वर्ष 2020 में इस पद से अपना इस्तीफा कुलपति को सौंप दिया था। पुनः विवि को इस्तीफा स्वीकार करने के लिए स्मारित किया हूं। विवि इस्तीफा स्वीकार करें हम इसका स्वागत करते हैं। इधर, मंगलवार देर शाम विवि में कुलपति कार्यालय से लेकर कुलसचिव कार्यालय तक हलचल तेज थी। संचिका पर कुलपति के आदेश के बाद यह कार्रवाई की गई।


बीएनएमयू में बीएड फर्जी नामांकन के मामले पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने भी संज्ञान लिया है। सीएम को मिली शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र हस्तान्तरित कर आवश्यक कार्रवाई के लिए कहा है। इससे पहले एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कुलाधिपति के अलावा मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बीएड नामांकन सत्र 2020-22 में धांधली के खिलाफ हाई कोर्ट में दायर याचिका पर जारी आदेश से अवगत कराया। इस पर उन्होंने न्यायालय के निर्देशानुसार अविलंब कार्रवाई करने, आर्थिक अपराध इकाई एवं एसआईटी से जांच कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। 



 विवि में अपने पसंदीदा व मनचाहा लोगों के नामांकन को उच्च न्यायालय ने काफी गंभीर मामला बताया है। उच्च न्यायालय ने बीएड प्रकरण में दायर याचिका को मैन्डेमस (परमादेश) प्रकृति का बताते हुए कार्यालय की संलिप्तता की बात कही है। कोर्ट ने फर्जी नामांकन के दोषी से हर्जाने की पांच लाख राशि वसूल कर पीड़ित छात्र को मुआवजा देने को कहा है। शिक्षा शास्त्र विभाग के इंचार्ज से लेकर बीएड के तत्कालिक विभागाध्यक्ष और एक शिक्षक के साथ एमएड के विभागाध्यक्ष भी इसमें दोषी हैं। बीएड विभाग ने तीस दिसंबर को दिन के तीन बजे तक एडमिशन की सूचना टांगी। जबकि सीट खाली रहने पर कई छात्रों का तीस से 31 दिसंबर तक नामांकन लिया गया। कोर्ट ने इसी प्वाइंट को पकड़ लिया और यह कड़ा आदेश दिया है। इससे पहले दो दिसंबर को पटना उच्च न्यायालय ने बीएड सेशन 2020-22 में फर्जी तरीके से एडमिशन लेने के मामले में बीएनएमयू पर पांच लाख का जुर्माना लगाया था।

नामांकन प्रक्रिया में शामिल अधिकारी से पांच लाख का जुर्माना लेकर पीड़ित छात्र मोहम्मद शाहबाज को देने का निर्णय कोर्ट ने सुनाया है। 

विवि शिक्षा शास्त्र विभाग के आन स्पाट नामांकन से पहले ही मैंने कार्य की अधिकता को देखते हुए कुलपति को प्रोफेसर इंचार्ज के पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। पुनः इस्तीफा स्वीकार करने के लिए स्मारित किया हूं। विवि प्रोफेसर इंचार्ज के पद से मुझे कार्य  मुक्त करती है तो यह स्वागत योग्य कदम होगा। 

डा नरेश कुमार, प्रोफेसर इंचार्ज, विवि शिक्षा शास्त्र विभाग, बीएनएमयू

शिक्षा शास्त्र विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज का इस्तीफा पत्र विवि प्रशासन को मिला हुआ है। बीएड प्रकरण पर उच्च न्यायालय पटना के निर्देशानुसार विवि प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की है। कार्रवाई से संबंधित सूचना से सबको अवगत कराया जाएगा।

प्रो डा मिहिर कुमार ठाकुर, कुलसचिव बीएनएमयू

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