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शनिवार, 19 नवंबर 2022

सेमिनार:"बिना अतीत जाने न अपना भविष्य गढ़ सकते हैं और न वर्तमान में दो कदम बढ़ सकते हैं"...

● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के नॉर्थ कैम्पस स्थित इतिहास विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुक्रवार को समापन हो गया।
"गाँधी चिंतन और उसकी प्रासंगिकता व कोसी क्षेत्र के स्वतंत्रता सेनानी"-विषयक सेमिनार पर विद्वानों ने अपने -अपने विचार व्यक्त किए।
दूसरे दिन के कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के विकास पदाधिकारी डॉ ललन प्रसाद अद्ररी ने की।
कार्यक्रम में मंचासीन  सेमिनार के संयोजक सह इतिहास विभाग के एचओडी डॉ भवानंद झा, डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी , डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ अनिल कुमार, डॉ विवेक कुमार, डॉ अमरेन्द्र कुमार, अमिश कुमार, संजीव कुमार, आदि के द्वारा विषय वस्तु पर प्रकाश डाला गया।
वरीय साहित्य कार डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने मधेपुरा के इतिहास और गांधीजी की प्रांसगिकता के ऊपर कई तथ्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बिना अतीत को जानें कोई भी व्यक्ति अपने भविष्य को न तो गढ़ सकता है और न वर्तमान में दो कदम आगे बढ़ सकता है। सेमिनार की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त की।
विकास पदाधिकारी डॉ ललन प्रसाद अद्ररी ने कहा कि शोधार्थियों के द्वारा पढ़ा गया आलेख उच्च स्तरीय था।
सभी विभागों में इसी तरह के आयोजन होने की उम्मीद जताई, जिससे स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण शोध प्रस्तुत कर सके।
उन्होंने महात्मा गांधी ग्रामीण शिक्षा परिषद के प्रति भी आभार जताया।
केपी कॉलेज मुरलीगंज के डॉ अमरेंद्र कुमार ने गांधी चिंतन और स्वच्छता पर विस्तृत जानकारी दी। स्वच्छता के प्रति गांधी जी की भूमिका के बारे में भी बताया। 
 उन्होंने कहा कि हमें गांधीजी के बताए मार्ग पर चलना चाहिए।
समापन के दूसरे दिन  तकनीकी सत्र के प्रथम चरण में शिक्षकों एवं विषयगत विद्वानों के द्वारा सेमिनार की विषय वस्तु की व्याख्या की गई ।
पेपर प्रस्तुतिकरण करने के सत्र में रिसर्च स्कॉलर सारंग तनय ने "कोसी क्षेत्र में सामाजिक न्याय और गांधीवाद' विषय पर अपना शोध प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों को सामाजिक समानता उपलब्ध कराना है, समाज के प्रत्येक  वर्ग के कल्याण के लिए व्यक्तिगत स्वतंत्रता और आजादी आवश्यक है। कोसी खासकर  मधेपुरा को सामाजिक न्याय एवं समाजवादियों की धरती कहा जाता है। भूपेंद्र नारायण मंडल ,बीपी मंडल, शिवनंदन प्रसाद मंडल जैसे समाजवादियों ने कोसी क्षेत्र में सामाजिक न्याय को मजबूत किया है। कोसी की धरती से कई समाजवादी और गांधीवादी विचारधारा के पुरोधा ने सामाजिक न्याय के मार्ग व अधिकार को मजबूत किया है और दबे, कुचले, वंचित, दलित और पिछड़े वर्ग का आवाज बनकर उन्हें समाज में एक मजबूत स्थान दिलाने का काम किया है ।
गांधीजी ने अन्याय और शोषण को समाप्त करने के लिए शांति व अहिंसा का रास्ता चुना था।
 गांधी को मानें नहीं, बल्कि जानें।
 सारंग तनय ने कहा कि गांधी अतीत के होते हुए भी भविष्य के महानायक हैं।
शोधार्थी रंजन यादव ने स्वामी विवेकानंद एवं महात्मा गांधी के विचारों का तुलनात्मक अध्ययन के बारे में शोध आलेख प्रस्तुत किया उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत के प्रत्येक भाग के हर क्षेत्र में ज्वलंत समस्याओं को जानकर समझ लिया था। स्वामी विवेकानंद ने भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व को समाजवाद एवं विश्व शांति का पाठ पढ़ाया ।
माधव कुमार  ने बिहार की राजनीति में भूपेंद्र नारायण मंडल के समाजवादी विचारधारा का अध्ययन पर आलेख प्रस्तुत किया।
संगोष्ठी में अन्य शोधार्थियों ने भी अपना-अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया गया। 
सेमिनार में भाग लेने वाले सभी शिक्षक, शोधार्थी व स्टूडेंट्स को किट व प्रमाणपत्र के साथ मैडल देकर सम्मानित किया।
मंच संचालन अमिष कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन केपी कॉलेज मुरलीगंज के डॉ  अमरेंद्र कुमार ने किया।
मौके पर जूलॉजी हेड डॉ अरुण कुमार, विकास पदाधिकारी डॉ ललन प्रसाद, डॉ अजय कुमार सिंह, डॉ विवेक कुमार, डॉ अरुण कुमार महतो, डॉ रणधीर कुमार राणा, अनिल कुमार,सीनेटर रंजन यादव, रिसर्च स्कॉलर सारंग तनय, आंनद कुमार भूषण, माधव कुमार, कुणाल कुमार,नीतीश कुमार उर्फ जापानी यादव, प्रकाश कुमार,सुशांत कुमार, डॉ एमएस रहमान, अनुप्रिया राज, विकास, परमेश, अविनाश, मुकेश आदि मौजूद रहे।।

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