● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय,मधेपुरा के ओल्ड कैम्पस स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी सभागार में मास्टर ऑफ एजुकेशन(एमएड) डिपार्टमेंट के द्वारा "टीचर एजुकेशन पर्सपेक्टिव एंड चैलेंज" विषय पर वन डे सेमिनार का आयोजन किया गया। एक दिसवीय सेमिनार का उद्धघाटन कुलपति डॉ. आर.के.पी.रमण ने दीप प्रज्वलित कर किया।
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि शिक्षक समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं। शिक्षा ही एक ऐसा अस्त्र है जिससे लोगों में विवेकशीलता आती है। यह एक ऐसी कुंजी है जो ज्ञान के दायरे को बढ़ाता है।वह एक अच्छे शिक्षक के मार्ग निर्देशन में ही संभव है।
कुलपति ने कहा कि पहले समाज के लोगों द्वारा शिक्षकों का सम्मान किया जाता था, अब शिक्षक ही शिक्षक का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने ज्ञान के दायरे को इतना बढ़ाएं, जिससे एक नए समाज का निर्माण हो सके और समाज के लोग एक बार फिर से शिक्षकों को वही सम्मान देना शुरू करें।
कुलपति ने कहा कि शिक्षा एक प्रयोगशाला है जहां नित नए प्रयोग होते हैं। शिक्षक सीमित संसाधन के बीच अपनी बेहतरीन ज्ञान बच्चों को दें। उन्होंने कहा कि बच्चों को क्लास रूम तक लाने का दायित्व शिक्षकों का भी है। उन्होंने कहा कि जब तक स्कूली शिक्षा सुदृढ नहीं होगा तब तक उच्च शिक्षा में बच्चे अच्छा नहीं कर पाएंगे।
सेमिनार में प्रॉक्टर डॉ बीएन विवेका ने कहा कि शिक्षा शास्त्र के शिक्षक ऐसे छात्र को पढ़ाते हैं जो शिक्षक राष्ट्र का निर्माण करते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा वह हथियार है जिससे समाज की दशा और दिशा बदलता है।
डीएसडब्ल्यू डॉ पवन कुमार व अकादमिक निदेशक डॉ एम आई रहमान ने कहा कि अच्छी शिक्षा से युवाओं में नैतिक,मानसिक विकास होता है।
इससे पहले बीएड/एमएड डिपार्टमेंट के डॉ नरेश कुमार ने सबका स्वागत करते हुए विभाग के उत्तरोत्तर उन्नति की जानकारी दी।
सेमिनार का संचालन आनंद कुमार भूषण ने किया।
मौके पर भूपेंद्र प्रसाद सिंह, ललन प्रसाद अदर्री, डॉ माधुरी,डॉ विशाखा, सरस्वती देवी, दिलीप कुमार, डॉ शिवेंद्र, डॉ राजेश,डॉ आनंद तनुजा, डॉ राम सिंह, डॉवीर बहादुर, डॉ अंजू प्रभा, डॉ स्वेता भारती, आदि मौजूद थे।।
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