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शनिवार, 30 अप्रैल 2022

कॉलेज कैम्पस:"स्टडी सर्किल के तहत सांस्कृतिक स्वराज पर व्याख्यान आज, कुलपति करेंगे उद्घाटन"...


● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: टीपी कॉलेज, मधेपुरा के स्मार्ट क्लास रूम में शनिवार को एक बजे से  'सांस्कृतिक स्वराज' विषयक व्याख्यान आयोजित है। इसके मुख्य वक्ता परिषद् के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचंद्र सिन्हा होंगे। 
आयोजन सचिव सह उप कुलसचिव (अकादमिक) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली की एक महत्वपूर्ण योजना "स्टडी सर्कल" (अध्ययन मंडल) के तहत आयोजित है। 
कार्यक्रम का उद्घाटन भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा के कुलपति प्रो. (डॉ.)आर.के.पी.रमण करेंगे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. (डॉ.) ज्ञानंजय द्विवेदी, विशिष्ट अतिथि टीपी कॉलेज में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा कुमारी और सम्मानित अतिथि के.पी. कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान होंगे। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष शोभाकांत कुमार और अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. के. पी. यादव करेंगे। संचालन मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. शंकर कुमार मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन एनसीसी पदाधिकारी ले. गुड्डू कुमार करेंगे।
डॉ. शेखर ने बताया कि "स्टडी सर्किल" आईसीपीआर की एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत एक वर्ष तक प्रत्येक माह एक पूर्व निर्धारित विषय पर व्याख्यान और विचार-विमर्श होगा। शनिवार को आईसीपीआर के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रमेशचन्द्र सिन्हा के "सांस्कृतिक स्वराज" विषयक व्याख्यान से इसकी शुरुआत हो रही है।
उन्होंने बताया कि स्टडी सर्किल के अंतर्गत होने वाले अन्य व्याख्यानों के विषय भी निर्धारित कर लिए गए हैं। द्वितीय व्याख्यान वेदांत दर्शन : एक विमर्श (डाॅ. राजकुमारी सिन्हा, रांची) और तृतीय व्याख्यान वेदांती समाजवाद : समसामयिक संदर्भ (डाॅ. जटाशंकर, प्रयागराज) विषय पर निर्धारित है।
डॉ. शेखर ने बताया कि आगे बौद्ध दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. वैद्यनाथ लाभ), वैश्वीकरण की नैतिकता (डॉ. आभा सिंह), नव वेदांत की प्रासंगिकता (स्वामी भवात्मानंद महाराज), समाज-परिवर्तन का दर्शन (डॉ. पूनम सिंह) एवं राष्ट्र-निर्माण में आधुनिक भारतीय चिंतकों का योगदान (डॉ. नरेश कुमार अम्बष्ट) विषय पर चर्चा होगी। इसके अलावा टैगौर का मानववाद (डॉ. सिराजुल इस्लाम),
भारतीय दर्शन में जीवन प्रबंधन (डाॅ. इन्दु  पाण्डेय खंडूड़ी), गांधी-दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. विजय कुमार) एवं सर्वोदय-दर्शन की प्रासंगिकता (डॉ. विजय कुमार) विषयक व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे।
 ● क्या है स्टडी सर्किल:
 डॉ. शेखर ने बताया कि स्टडी सर्कल (अध्ययन मंडल) लोगों का एक छोटा समूह होता है, जो नियमित रूप से विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हैं। कुछ वर्ष पूर्व आईसीपीआर ने स्टडी सर्किल योजना की शुरुआत की है और देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इसे लागू किया गया है। बिहार में सर्वप्रथम पटना विश्वविद्यालय, पटना में स्टडी सर्किल की शुरुआत हुई थी और कुछ दिनों पूर्व भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में भी इसकी स्वीकृति दी गई है।।

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