मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, लालू नगर, मधेपुरा की अंगीभूत इकाई टी.पी. कॉलेज में राजनीति विज्ञान विभाग के एचओडी सह बीएनएमयू के सीनेट-सिंडिकेट सदस्य डॉ.जवाहर पासवान का चयन डाॅ.अंबेडकर राष्ट्रीय अवार्ड के लिए हुआ है। उन्हें 13 मार्च 2021 को भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा नई दिल्ली में पुरस्कृत किया जाएगा। यह अवार्ड हर वर्ष देश में दस व्यक्तियों को विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु दिया जाता है। डाॅ.जवाहर पासवान भारतीय दलित साहित्य अकादमी, दिल्ली के कोशी प्रमंडल अध्यक्ष भी हैं। इन्हें समिति द्वारा 2011 में भगवान बुद्ध राष्ट्रीय पुरस्कार एवं 2012 में पुनः भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ही डा अंबेदकर राष्ट्रीय सेवा सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
मालूम हो कि डाॅ. जवाहर पासवान दलित साहित्य एवं राजनीति के एक मजबूत स्तंभ हैं। वे जिला विधिक सेवा प्राधिकार मधेपुरा के सदस्य और राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रावास के अधीक्षक भी हैं। साथ ही महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न कमिटी के सदस्य सहित अन्य पदोंं को भी सुशोभित कर रहे हैं।
● शोषण के विरुद्ध डॉ जवाहर पासवान की 7 पुस्तकें प्रकाशित:
शोषण के विरुद्ध इनकी 7 पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी है। इसके अलावा "भारत के दलित आंदोलन में बिहार की भूमिका", "पिछड़ी जातियों का राजनीतिक अभिजन", "भारतीय स्वशासन में पंचायती राज व्यवस्था", "भारतीय राजनीति में नैतिक लोकतंत्र की तलाश", "भूमंडलीकरण में भारतीय राजनीति का महत्व", डॉ लोहिया का समाज दर्शन : समकालीन राजनीतिक परिप्रेक्ष्य एवं अस्मिता संकट और "दलित विमर्श" नामक पुस्तक शामिल हैं। वहीं विभिन्न शोध पत्रिका में तकरीबन 60 आलेख, तकरीबन दो दर्जन सेमिनार, विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। ● शोषित वर्ग के अधिकार के लिए किया आंदोलन:
डा. जवाहर पासवान ने शोषित वर्ग के अधिकार की समाप्ति के विरुद्ध केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के नीति के विरोध में आम जन के साथ आन्दोलन में प्रमुख सहभागिता निभाई। वहीं एससीएसटी कानून बदलाव के विरुद्ध आन्दोलन का मधेपुरा में नेतृत्व किया। सीएए, एनआरसी के विरुद्ध मधेपुरा में नेतृत्व और ओबीसी आरक्षण में छेड़छाड़ के विरुद्ध आन्दोलन की सहभागिता में प्रमुख भागीदारी रही।
● मैट्रिक पास करने पर मिला था जीवन का पहला पेंट-शर्ट:
डाॅ. जवाहर पासवान ने बताया कि उनका जन्म उनके गांव आदर्श ग्राम भागीपुर, भागीपुर, आलमनगर, जिला मधेपुरा (बिहार ) में हुआ। वहीं से मध्य विद्यालय की शिक्षा प्राप्त करते हुए नन्दकिशोर माधवानन्द उच्च विद्यालय, आलमनगर से मैट्रिक की परीक्षा पास की। तब तक इन्होंने महाविद्यालय को दूर से ही देखा था, कभी भी कैम्पस में जाने का मोका नहीं मिला था। इनके पिता छोटे किसान थे। हमेशा कहा करते थे जब तुम मेट्रिक प्रथम श्रेणी से पास करेगा, तब तुमको फूल पेंट सर्ट देंगे और टी. एन. बी. काॅलेज, भागलपुर में पढ़ाएँगे। वे दिन-रात कड़ी मिहनत की और मैट्रिक प्रथम श्रेणी पास करने में सफल हो गये। इनके गाँव में पासवान समाज में पहले न तो कोई प्रथम श्रेणी से पास किए थे और न ही कोई कालेज में भागलपुर में पढ़े थे । इन्हें पेंट सर्ट तो रिजल्ट के दिन ही मिल गया, जो मेरे जीवन काल का पेंट सर्ट था।।
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