सीनेट सदस्य रंजन यादव ने पूर्व कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय
द्वारा मार्च-मई 2020 तक लिए गए सभी निर्णयों की समीक्षा करने की माँग की है। उन्होंने कहा है कि पूर्व कुलपति ने प्रति कुलपति के साथ मिलकर अपने कार्यकाल के अंतिम तीन महीनों में कई अवैध काम किए हैं।
रंजन ने बताया कि 5 मार्च को ही राजभवन ने पूर्व कुलपति के अधिकार सीमित कर दिए थे और कोई भी नीतिगत निर्णय लेने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद पूर्व कुलपति ने कई नीतिगत निर्णय लिया और लाखों रूपये का भुगतान भी किया।
रंजन ने आरोप लगाया है कि पूर्व कुलपति ने अपनों पर करम किया और गैरों पर सितम किया। ऐसा करते हुए उन्हें शर्म नहीं आई।"अपनों पर करम गैरों पर सितम। ए जाने वाले ये जुल्म ना कर। रहने दो अभी थोड़ा सा शरम...।
रंजन ने बताया कि उन्होंने फरवरी 2020 में सीनेट की बैठक में नार्थ कैम्पस में कार्यरत 8 गार्ड को संविदा पर बहाल करने की माँग की थी। पूर्व कुलपति ने वर्षों से कार्यरत 17 कर्मचारियों और 10 नाईट गार्ड की बहाली संविदा पर नहीं किया। अपने एक रिश्तेदार और अपने अपार्टमेंट के एक गार्ड का संविदा पर बहाली कर दिया।
रंजन ने कहा कि जब छात्र आंदोलन हुआ, तो पूर्व कुलपति ने यहां
के गार्ड को लाठी देकर आगे किया। जब नौकरी देने की बारी आई,शतो घर के दो लोगों को आगे किया। जब मार्च में ही राजभवन द्वारा जब कुलपति के अधिकार सीमित कर दिए गए थे, तो 18 मई को यह कैसे किया ? यह कौन सी नैतिकता है ?वित्तीय परामर्शी की आपत्ति के बावजूद यूएमआईएस को भुगतान किया गया और एक्सटेंशन दिया गया। यह वित्तीय नियमों की अवहेलना है।






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