बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अधिक प्रभावित जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग कैंप चलाया जाएगा. जिसके तहत घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग जाएगी.
पटना: बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने अधिक प्रभावित जिलों में डोर टू डोर स्क्रीनिंग कैंप चलाए जाने का फैसला लिया है. जिसके तहत घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग जाएगी.
आज से होगी शुरुआत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐलान किया था कि 16 अप्रैल से कोविड-19 के लक्षणों वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए डोर टू डोर स्क्रीनिंग प्रभावित जिलों में शुरू होगी. आज से इस अभियान की शुरुआत बिहार के चार जिलों में शुरू हो जाएगी.
इन चार जिलों में होगी स्क्रीनिंग
इन जिलों में सीवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा शामिल हैं. इसके साथ ही बिहार इस तरह के उपायों को अपनाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा. पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर पहल की जाएगी और उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
जांच टीम पर हमले के बीच स्क्रीनिंग बड़ी चुनौती
साथ ही बिहार में मेडिकल टीम पर हो रहे हमलों के बीच डोर टू डोर स्क्रीनिंग करना बड़ी चुनौती है. आपको बता दें कि बुधवार को भी बिहार के पूर्वी चंपारण और औरंगाबाद जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में ग्रामीणों ने बुधवार को पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला कर दिया. इस हमले में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी समेत कई पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्यकर्मियों को चोटें आई हैं.
आ चुके हैं 72 मामले
आपको बता दें कि राज्य में 72 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से मुंगेर के एक युवक की मृत्यु हो चुकी है. जबकि, 33 लोग स्वस्थ हो चुक हैं. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नालंदा के तीन लोग, जो दुबई से लौटे संक्रमित मरीज के संपर्क में आए थे, कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके साथ ही नालंदा में कोरोना पॉजिटिव मामले छह हो गए हैं. उधर, कोरोना फ्री हो चुके मुंगेर में भी एक नया मामला समाने आया है. नालंदा में मिले पॉजिटिव मामलों में दो महिलाएं व एक पुरुष हैं. जबकि, मुंगेर में एक वृद्ध को संक्रमित पाया गया है.
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