संपादक- आर. कुमार
बीएन मंडल विश्वविद्यालय में गुरुवार को छात्रों के साथ सख्ती बरतने पर सर्वदलीय छात्र संघ की बैठक बुलाई गई। बैठक में उपस्थित एनएसयूआई, छात्र राजद, अभाविप, एआईएसएफ, एसएफआई एवं बीबीएम के छात्र नेताओं ने विवि की कार्यशैली पर राेष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छात्रों के अधिकारों का हनन कर लाठी डंडे से विवि नहीं चलेगी। ऐसी कौन सी नौबत आ गई जो कैंपस को फ़ौज के हवाले करने की बात कही जा रही है। पदाधिकारियों के हालिया बयान से प्रतित होता है कि अब विवि में छात्रों को गाली देने की शिक्षा दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ विवि में वर्तमान घटना क्रम को लेकर छात्र संघ कार्यालय में छात्र संघ की आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए छात्र संघ के अध्यक्ष कुमार गौतम ने कहा कि विश्वविद्यालय की घटना दुखद है। विवि बंद कमरे में गुपचुप तरीके से बहाली प्रक्रिया कर रही थी। जब छात्र संघ के प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। यह काफी निंदनीय है। छात्र संघ के सैंट्रल मेंबर दिलीप कुमार दिल ने कहा कि बहाली प्रक्रिया के विरोध में छात्र प्रतिनिधि प्रतिकुलपति व कुलसचिव को आवेदन देने गए थे। इस पर वे छात्र प्रतिनिधियों को रूम में बंद कर पीटाई कर दी। छात्र संघ इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। बैठक में सेंट्रल काउंसिल मेंबर राजू कुमार, दिलीप कुमार, ऋषिकेश विवेक सहित अन्य उपस्थित थे।
विरोध करने पर छात्र प्रतिनिधियों को बंद कमरे में पीटवाया गया
सर्वदलीय छात्र संगठन की बैठक में कहा गया कि विवि इतिहास में यह सबसे शर्मनाक घटना हुई है। लेकिन घटना क्यों हुई क्योंकि विवि में गुपचुप तरीके से चोरी-छिपे बहाली की प्रक्रिया की जा रही थी। विरोध करने पर छात्रों को बंद कमरे में पीटवाया गया। इस पर छात्र उग्र हो गए और दोनों तरफ से मारपीट होने लगी। उन्होंने कहा कि कुलसचिव सेना के कर्नल रहे हैं अब वे विश्वविद्यालय में सेना को बुलाने की बात कर रहे हैं। विवि में विरोध करने पर छात्रों को पीटने का अधिकार उन्हें किसने दिया है। उन्होंने कहा कि विवि में गाली-गलोज करना और सभी कर्मचारियों के हाथों छात्रों को पिटवाना कितना उचित है। विवि के इस मनमाने रवैये के खिलाफ सभी संगठनों को घोर आपत्ति है।
छात्रों की आवाज को लाठी गोली से दबाने का किया गया प्रयास
मौके पर एनएसयूआई के निशांत यादव, एआईएसएफ के वसीमउद्धीन उर्फ नन्हें एवं एसएफआई के सारंग तनय, अभाविप के रंजन यादव ने कहा कि बीएनएमयू भारत पाकिस्तान या चीन की सीमा नहीं, ना ही कोई रणक्षेत्र जो सेना को बुलाया जाएगा। विवि में छात्र रहते हैं। यहां कलम-किताब की बात होती है। विवि में कोई आतंकवादी, देशद्रोही नहीं है। विवि में छात्र हित के लिए आवाज उठाने के बाद उसे लाठी गोली दबाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन छात्र िववि से डरने वाले नहीं है। छात्र संगठन विवि की हर दमनकारी नीतियों का पुरजोर विरोध करेगी। कुलसचिव और प्रतिकुलपति को अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी होगी।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय में गुरुवार को छात्रों के साथ सख्ती बरतने पर सर्वदलीय छात्र संघ की बैठक बुलाई गई। बैठक में उपस्थित एनएसयूआई, छात्र राजद, अभाविप, एआईएसएफ, एसएफआई एवं बीबीएम के छात्र नेताओं ने विवि की कार्यशैली पर राेष प्रकट किया। उन्होंने कहा कि छात्रों के अधिकारों का हनन कर लाठी डंडे से विवि नहीं चलेगी। ऐसी कौन सी नौबत आ गई जो कैंपस को फ़ौज के हवाले करने की बात कही जा रही है। पदाधिकारियों के हालिया बयान से प्रतित होता है कि अब विवि में छात्रों को गाली देने की शिक्षा दी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ विवि में वर्तमान घटना क्रम को लेकर छात्र संघ कार्यालय में छात्र संघ की आपात बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए छात्र संघ के अध्यक्ष कुमार गौतम ने कहा कि विश्वविद्यालय की घटना दुखद है। विवि बंद कमरे में गुपचुप तरीके से बहाली प्रक्रिया कर रही थी। जब छात्र संघ के प्रतिनिधियों ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई। यह काफी निंदनीय है। छात्र संघ के सैंट्रल मेंबर दिलीप कुमार दिल ने कहा कि बहाली प्रक्रिया के विरोध में छात्र प्रतिनिधि प्रतिकुलपति व कुलसचिव को आवेदन देने गए थे। इस पर वे छात्र प्रतिनिधियों को रूम में बंद कर पीटाई कर दी। छात्र संघ इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। बैठक में सेंट्रल काउंसिल मेंबर राजू कुमार, दिलीप कुमार, ऋषिकेश विवेक सहित अन्य उपस्थित थे।
विरोध करने पर छात्र प्रतिनिधियों को बंद कमरे में पीटवाया गया
सर्वदलीय छात्र संगठन की बैठक में कहा गया कि विवि इतिहास में यह सबसे शर्मनाक घटना हुई है। लेकिन घटना क्यों हुई क्योंकि विवि में गुपचुप तरीके से चोरी-छिपे बहाली की प्रक्रिया की जा रही थी। विरोध करने पर छात्रों को बंद कमरे में पीटवाया गया। इस पर छात्र उग्र हो गए और दोनों तरफ से मारपीट होने लगी। उन्होंने कहा कि कुलसचिव सेना के कर्नल रहे हैं अब वे विश्वविद्यालय में सेना को बुलाने की बात कर रहे हैं। विवि में विरोध करने पर छात्रों को पीटने का अधिकार उन्हें किसने दिया है। उन्होंने कहा कि विवि में गाली-गलोज करना और सभी कर्मचारियों के हाथों छात्रों को पिटवाना कितना उचित है। विवि के इस मनमाने रवैये के खिलाफ सभी संगठनों को घोर आपत्ति है।
छात्रों की आवाज को लाठी गोली से दबाने का किया गया प्रयास
मौके पर एनएसयूआई के निशांत यादव, एआईएसएफ के वसीमउद्धीन उर्फ नन्हें एवं एसएफआई के सारंग तनय, अभाविप के रंजन यादव ने कहा कि बीएनएमयू भारत पाकिस्तान या चीन की सीमा नहीं, ना ही कोई रणक्षेत्र जो सेना को बुलाया जाएगा। विवि में छात्र रहते हैं। यहां कलम-किताब की बात होती है। विवि में कोई आतंकवादी, देशद्रोही नहीं है। विवि में छात्र हित के लिए आवाज उठाने के बाद उसे लाठी गोली दबाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन छात्र िववि से डरने वाले नहीं है। छात्र संगठन विवि की हर दमनकारी नीतियों का पुरजोर विरोध करेगी। कुलसचिव और प्रतिकुलपति को अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगनी होगी।
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