संपादक- आर. कुमार
बीएन मंडल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए एसएफआई के विवि प्रभारी सह प्रतियोगी छात्र सारंग तनय ने कहा कि बीएनएमयू स्टूडेंट्स का टाइम किलर बन गया है। उन्होंने कहा कि यहां स्नातक का सत्र एक साल तो पीजी सत्र दो साल विलंब से चल रहा है। समय पर परीक्षा लेने व परीक्षा फल प्रकाशित कराने में पदाधिकारियों को कोई रुचि नहीं है। विवि प्रशासन केवल सत्र नियमित करने का आश्वासन देकर काम चला रहे हैं। इससे छात्रों का बहुमूल्य समय बर्बाद हो रहा है।
स्थिति यह है कि स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं होने से छात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्नातक पार्ट वन 2016-17 का परीक्षा परिणाम अगस्त 2017 में प्रकाशित होनी चाहिए थी। लेकिन जुलाई 2018 तक परिणाम नहीं आ पाया है। अभी परिणाम आने में और दो माह का समय लगेगा। वहीं पार्ट टू एवं थ्री 2016-17 का अब तक तो परीक्षा भी नहीं हुआ है। दोनों का सत्र एक साल देरी से चल रहा है। वहीं पीजी का सत्र तो दो साल देरी से चल रहा है। जिसका परिणाम वर्ष 2016 तक आ जाना चाहिए। उसका अभी भी एक सेमेस्टर बचा हुआ है। ऐसे में छात्रों का भविष्य अधर में है।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए एसएफआई के विवि प्रभारी सह प्रतियोगी छात्र सारंग तनय ने कहा कि बीएनएमयू स्टूडेंट्स का टाइम किलर बन गया है। उन्होंने कहा कि यहां स्नातक का सत्र एक साल तो पीजी सत्र दो साल विलंब से चल रहा है। समय पर परीक्षा लेने व परीक्षा फल प्रकाशित कराने में पदाधिकारियों को कोई रुचि नहीं है। विवि प्रशासन केवल सत्र नियमित करने का आश्वासन देकर काम चला रहे हैं। इससे छात्रों का बहुमूल्य समय बर्बाद हो रहा है।
स्थिति यह है कि स्नातक की पढ़ाई पूरी नहीं होने से छात्र प्रतियोगिता परीक्षाओं शामिल नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्नातक पार्ट वन 2016-17 का परीक्षा परिणाम अगस्त 2017 में प्रकाशित होनी चाहिए थी। लेकिन जुलाई 2018 तक परिणाम नहीं आ पाया है। अभी परिणाम आने में और दो माह का समय लगेगा। वहीं पार्ट टू एवं थ्री 2016-17 का अब तक तो परीक्षा भी नहीं हुआ है। दोनों का सत्र एक साल देरी से चल रहा है। वहीं पीजी का सत्र तो दो साल देरी से चल रहा है। जिसका परिणाम वर्ष 2016 तक आ जाना चाहिए। उसका अभी भी एक सेमेस्टर बचा हुआ है। ऐसे में छात्रों का भविष्य अधर में है।
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