संपादक- आर. कुमार
कुमारखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के बाहर शुक्रवार की शाम उस समय लोगों की भीड़ जुट गयी जब लोगों ने देखा कि अस्पताल में चिकित्सक के रहते परिसर में एक तांत्रिक गंभीर रूप से बीमार प्रसूता का इलाज झाड़-फूंक के द्वारा कर रहे हैं। अस्पताल परिसर में अंधविश्वास के इस खेल को देखकर लोग अचंभित रह गये। जानकारी के अनुसार कुमारखंड प्रखंड के सिहपुर गढ़िया पंचायत निवासी कल्पना देवी (21 वर्ष) की तबीयत अचानक खराब होने के बाद उसे परिजनों द्वारा कुमारखंड सीएचसी लाया गया। अस्पताल में तैनात डॉ. धनंजय कुमार ने तत्काल मरीज के स्वास्थ्य की जांच कर उसे दवा दी और रेफर कर दिया।
अस्पताल परिसर में तांत्रिक का झाड़- फूंक रेफर के एक घंटे बाद तक चलता रहा और एंबुलेंस चालक मरीज का इंतजार करते रहे। सीएचसी प्रभारी का दावा है कि अस्पताल के बाहर झाड़-फूंक हुआ, लेकिन तस्वीर से खुद कहानी बयां हो रहा है।
मैंने किया है इलाज
मैं चावल तथा तुलसी की पत्ती से गंभीर रूप से बीमार मरीज का इलाज करता हूं। अभी तक इस अस्पताल के चार मरीजों को ठीक किया है। कल्पना पर भूत-प्रेत का साया नहीं था। इसलिए ठीक नहीं हुई। - चानो ऋषिदेव, तांत्रिक
जवाबदेही मेरी नहीं
मेरे अस्पताल परिसर में कोई भी तांत्रिक इलाज के लिए नहीं आया। बाहर एंबुलेंस के पास झाड़ -फूंक चल रहा था इसकी जवाबदेही मेरी नहीं है। - डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, कुमारखंड
जांच की जाएगी
हर आदमी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। तांत्रिक को स्वयं यह समझना चाहिए कि यह अस्पताल है न की झाड़-फूंक की जगह। मामले की जांच की जायेगी। -डॉ. गदाधर पांडेय, सीएस, मधेपुरा
कुमारखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के बाहर शुक्रवार की शाम उस समय लोगों की भीड़ जुट गयी जब लोगों ने देखा कि अस्पताल में चिकित्सक के रहते परिसर में एक तांत्रिक गंभीर रूप से बीमार प्रसूता का इलाज झाड़-फूंक के द्वारा कर रहे हैं। अस्पताल परिसर में अंधविश्वास के इस खेल को देखकर लोग अचंभित रह गये। जानकारी के अनुसार कुमारखंड प्रखंड के सिहपुर गढ़िया पंचायत निवासी कल्पना देवी (21 वर्ष) की तबीयत अचानक खराब होने के बाद उसे परिजनों द्वारा कुमारखंड सीएचसी लाया गया। अस्पताल में तैनात डॉ. धनंजय कुमार ने तत्काल मरीज के स्वास्थ्य की जांच कर उसे दवा दी और रेफर कर दिया।
अस्पताल परिसर में तांत्रिक का झाड़- फूंक रेफर के एक घंटे बाद तक चलता रहा और एंबुलेंस चालक मरीज का इंतजार करते रहे। सीएचसी प्रभारी का दावा है कि अस्पताल के बाहर झाड़-फूंक हुआ, लेकिन तस्वीर से खुद कहानी बयां हो रहा है।
मैंने किया है इलाज
मैं चावल तथा तुलसी की पत्ती से गंभीर रूप से बीमार मरीज का इलाज करता हूं। अभी तक इस अस्पताल के चार मरीजों को ठीक किया है। कल्पना पर भूत-प्रेत का साया नहीं था। इसलिए ठीक नहीं हुई। - चानो ऋषिदेव, तांत्रिक
जवाबदेही मेरी नहीं
मेरे अस्पताल परिसर में कोई भी तांत्रिक इलाज के लिए नहीं आया। बाहर एंबुलेंस के पास झाड़ -फूंक चल रहा था इसकी जवाबदेही मेरी नहीं है। - डॉ. वेद प्रकाश गुप्ता, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, कुमारखंड
जांच की जाएगी
हर आदमी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। तांत्रिक को स्वयं यह समझना चाहिए कि यह अस्पताल है न की झाड़-फूंक की जगह। मामले की जांच की जायेगी। -डॉ. गदाधर पांडेय, सीएस, मधेपुरा