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बुधवार, 4 अक्टूबर 2017

त्यौहार में दे सकती है मोदी सरकार तोहफा, आज से घट जाएंगें पेट्रोल-डीजल के दाम

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि होने के बाद भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य क्रमश: 70.83 प्रति लीटर और 59.04 प्रति लीटर पहुंच गए थे, जिसके बाद वीपीआई मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही थी.

नई दिल्ली: सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में दो रुपये प्रति लीटर की मंगलवार (3 अक्टूबर) को कटौती की. ईंधन की कीमतों में पिछले तीन महीने से वृद्धि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. वित्त मंत्रालय ने टि्वटर के जरिये दी जानकारी में कहा, ‘‘भारत सरकार ने पेट्रोल और डीजल (ब्रांडेड और बिना ब्रांड वाले) पर मूल उत्पाद शुल्क में 


दो रुपये प्रति लीटर कटौती की है. उत्पाद शुल्क में यह कटौती चार अक्तूबर से प्रभावी हो जाएगी.’’ उत्पाद शुल्क में कटौती के बराबर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बुधवार (4 अक्टूबर) से घट जाएंगी. फिलहाल दिल्ली में पेट्रोल 70.88 रुपये प्रति लीटर है वहीं डीजल की कीमत 59.14 रुपये प्रति लीटर है. पेट्रोल पर सरकार अभी कुल 21.48 रुपये प्रति लीटर का उत्पाद शुल्क लगाती है जबकि डीजल के मामले में यह 17.33 रुपये प्रति लीटर है.

सरकार वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम में नरमी को देखते हुए इसका लाभ उठाने के लिये तीन साल पहले शुल्क में वृद्धि की थी. अब इस बात को लेकर आलोचना हो रही थी कि वह उत्पाद शुल्क में कटौती नहीं कर रही है, जबकि जुलाई की शुरुआत से लगातार ईंधन के दाम बढ़ रहे हैं. चार जुलाई से पेट्रोल की कीमत 7.8 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है, जबकि डीजल की कीमत 5.7 रुपये बढ़कर अबतक के सर्वाधिक उच्च स्तर पर पहुंच गयी. एक अन्य ट्वीट में मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दाम से लोगों को राहत देने के इरादे से यह कदम उठाया गया है. शुल्क में कटौती से सरकार को चालू वित्त वर्ष की शेष अवधि में 13,000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. 

इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि होने के बाद भारत में पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य क्रमश: 70.83 प्रति लीटर और 59.04 प्रति लीटर पहुंच गए थे, जिसके बाद वीपीआई मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही थी. इसी वजह से और इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों के जोरदार विरोध के बाद सरकार को यह कदम तत्काल उठाना पड़ा.
पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों पर बोले जेटली, राज्य घटाएं टैक्स की दरें
इससे पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार (20 सितंबर) को पेट्रोल, डीजल की ऊंचे कीमतों पर कहा था कि सरकार को सार्वजनिक खर्च के लिए राजस्व समर्थन की जरूरत होती है, जिससे वृद्धि के रास्ते में रुकावट न आए. जेटली ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि सरकार पेट्रोल और डीजल से उत्पाद शुल्क की दरों में कटौती कर सकती है. वित्त मंत्री ने कहा था कि राज्यों द्वारा ईंधन पर ऊंचा बिक्रीकर और वैट लिया जाता है. हालांकि, उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया था कि नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 11.77 रुपये प्रति लीटर बढ़ा है, जबकि डीजल पर इसमें 13.47 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट का लाभ गायब हो गया.
भाजपा शासित महाराष्ट्र में पेट्रोल पर वैट की दर 46.52 प्रतिशत है. मुंबई में यह 47.64 प्रतिशत तक है. आंध्र प्रदेश में पेट्रोल पर 38.82 प्रतिशत वैट लगता है. मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर वैट की दर 38.79 प्रतिशत है. भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की 29 में से 18 राज्यों में सरकार है. जेटली ने हालांकि भरोसा दिलाया था कि ईंधन की कीमतें जल्द नियंत्रण में आएंगी.

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