संपादक : आर. के. झा-
सच ही कहा गया है कि न्यायालय में देर है अंधेर नहीं. एक पान दुकानदार के याचिका पर सुनवाई करते हुए उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट ने अपने एक फैसले में सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह पर आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्णय लिया है.इस मामले में विनय कुमार सिंह को समन जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि एक साल पूर्व विनय कुमार सिंह मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज में डीसीआरएल के पद पर पदस्थापित थे.
इस मामले में उदाकिशुनगंज के हीरालाल साह ने तीन नंवबर 2016 को विनय कुमार सिंह के विरुद्ध उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट में परिवाद दायर किया था. खास बात यह है कि हीरा लाल साह उदाकिशुनगंज वकालत खाना परिसर में पान की दुकान चलाता है. दायर परिवाद में हीरा लाल साह ने उल्लेख किया कि वह साधारण कृषक हैं.वकालत खाना परिसर में पान की दुकान चलाते हैं.परिवादी के पिता सत्यनारायण साह के नाम से जमीन का जमाबंदी नंबर 550 है. इस पर उदाकिशुनगंज के ही पप्पू साह पिता बिरन साह ने भूमि उप समाहर्ता के न्यायालय में नामांतरण वाद दाखिल किया. परिवादी के पिता के निवेदन पर डीसीआरएल ने स्थल निरीक्षण का आदेश पारित किया. बताया गया कि विवादित जमीन पर आवासीय घर बना हुआ है. वहीं जमीन पर फलदार वृक्ष लगा हुआ है.कहा गया है कि जमीन का फैसला पक्ष में देने के ऐवज में डीसीआरएल ने परिवादी के पिता से तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी.इसकी शिकायत परिवादी के पिता ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर किया. वरीय अधिकारी से शिकायत किए जाने पर डीसीआरएल आग बबूला हो गए.दिनांक 26 अक्टूबर 2016 को डीसीआरएल विनय कुमार सिंह ने परिवादी के पान दुकान पर पहुंच कर मारपीट की और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. वहीं परिवादी से फिर से रिश्वत की मांग की गई. इस बात को लेकर परिवादी ने उस समय स्थानीय थाना को भी लिखित आवेदन दिया. यद्यपि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.जहां परिवादी को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. परिवाद पर सुनवाई के दौरान कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि नामित अभियुक्त के विरुद्ध आपराधिक मामला चलाया जा सकता है.अभिलेख में विनय कुमार सिंह के विरुद्ध भादवि की धारा 323, 504, 162 और 166 के अपराध में पत्र निर्गत करने के लिए पर्याप्त आधार विद्यमान है. परिवादी के प्रार्थना पत्र पर विचारोपरांत विनय कुमार सिंह के वर्तमान में पदस्थापित स्थल पर सम्मन भेजे जाने का निर्णय लिया गया.अधिकारी के उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सम्मान भेजा गया है.
सच ही कहा गया है कि न्यायालय में देर है अंधेर नहीं. एक पान दुकानदार के याचिका पर सुनवाई करते हुए उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट ने अपने एक फैसले में सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज के अनुमंडल पदाधिकारी विनय कुमार सिंह पर आपराधिक मुकदमा चलाने का निर्णय लिया है.इस मामले में विनय कुमार सिंह को समन जारी किया गया है. बताया जा रहा है कि एक साल पूर्व विनय कुमार सिंह मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज में डीसीआरएल के पद पर पदस्थापित थे.
इस मामले में उदाकिशुनगंज के हीरालाल साह ने तीन नंवबर 2016 को विनय कुमार सिंह के विरुद्ध उदाकिशुनगंज सिविल कोर्ट में परिवाद दायर किया था. खास बात यह है कि हीरा लाल साह उदाकिशुनगंज वकालत खाना परिसर में पान की दुकान चलाता है. दायर परिवाद में हीरा लाल साह ने उल्लेख किया कि वह साधारण कृषक हैं.वकालत खाना परिसर में पान की दुकान चलाते हैं.परिवादी के पिता सत्यनारायण साह के नाम से जमीन का जमाबंदी नंबर 550 है. इस पर उदाकिशुनगंज के ही पप्पू साह पिता बिरन साह ने भूमि उप समाहर्ता के न्यायालय में नामांतरण वाद दाखिल किया. परिवादी के पिता के निवेदन पर डीसीआरएल ने स्थल निरीक्षण का आदेश पारित किया. बताया गया कि विवादित जमीन पर आवासीय घर बना हुआ है. वहीं जमीन पर फलदार वृक्ष लगा हुआ है.कहा गया है कि जमीन का फैसला पक्ष में देने के ऐवज में डीसीआरएल ने परिवादी के पिता से तीन लाख रुपये रिश्वत की मांग की थी.इसकी शिकायत परिवादी के पिता ने अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन देकर किया. वरीय अधिकारी से शिकायत किए जाने पर डीसीआरएल आग बबूला हो गए.दिनांक 26 अक्टूबर 2016 को डीसीआरएल विनय कुमार सिंह ने परिवादी के पान दुकान पर पहुंच कर मारपीट की और झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. वहीं परिवादी से फिर से रिश्वत की मांग की गई. इस बात को लेकर परिवादी ने उस समय स्थानीय थाना को भी लिखित आवेदन दिया. यद्यपि पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.जहां परिवादी को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा. परिवाद पर सुनवाई के दौरान कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि नामित अभियुक्त के विरुद्ध आपराधिक मामला चलाया जा सकता है.अभिलेख में विनय कुमार सिंह के विरुद्ध भादवि की धारा 323, 504, 162 और 166 के अपराध में पत्र निर्गत करने के लिए पर्याप्त आधार विद्यमान है. परिवादी के प्रार्थना पत्र पर विचारोपरांत विनय कुमार सिंह के वर्तमान में पदस्थापित स्थल पर सम्मन भेजे जाने का निर्णय लिया गया.अधिकारी के उपस्थिति दर्ज कराने के लिए सम्मान भेजा गया है.