पटना:भाजपा ने शनिवार (22 जुलाई) को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करके कथित रूप से उनसे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी के आलोक में इस्तीफा देने को कहने का आग्रह करके अपना समय बर्बाद कर रहे हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने शनिवार (22 जुलाई) को यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ राजद-कांग्रेस से 'सदाचार' की उम्मीद ही बेमानी है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई द्वारा चार्जशीटेड हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से इस्तीफा नहीं ले सके. तो वह तेजस्वी को इस्तीफा देने के लिए कैसे कह सकते हैं.
बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने कहा कि तेजस्वी यादव पर लगे भष्टाचार के आरोपों का जदयू द्वारा बिन्दुवार जवाब मांगे जाने के 15 दिन बाद भी राजद चुप्पी साधे हुए है जो यह दर्शाता है कि राजद ने भी स्वीकार कर लिया है कि सभी आरोप सही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में अब तेजस्वी के पास इस्तीफा देने या नीतीश कुमार को उन्हें बर्खास्त करने के अलावा दूसरा क्या रास्ता है? सुशील ने आरोप लगाया कि दूसरी ओर जदयू प्रवक्ताओं को चुप कराने के लिए चौक-चौराहों पर बैनर लगाकर राजद उनपर दबाव बना रहा है.पटना में कुछ स्थानों पर जदयू के प्रवक्ता संजय सिंह, अजय आलोक, नीरज कुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता श्याम रजक की तस्वीर वाला पोस्टर चिपकाया गया है जिसमें इनपर भाजपा नेता सुशील मोदी के साथ सांठगांठ करके राजद पर हमला करने का आरोप लगाया गया है. इन पोस्टरों में उसे लगाने वाले का नाम वर्णित नहीं, लेकिन उसकी थीम से यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि उक्त व्यक्ति राजद से जुड़ा है. सुशील ने आरोप लगाया कि अब तक जदयू ने एक बार भी यह नहीं कहा है कि तेजस्वी को राजनीतिक बदले की भावना से फंसाया गया है या राजद की रैली (आगामी 27 अगस्त को पटना में प्रस्तावित) 'भाजपा भगाओ, देश बचाओ' के लिए सीबीआई कार्रवाई कर रही है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार जदयू भी यह मान रही है कि तेजस्वी पर लगे आरोपो में दम है, इसीलिए पिछले 15 दिनों से बार-बार जदयू के प्रवक्ता तेजस्वी से आरोपों का बन्दुवार जबाव मांग रहे हैं. सुशील ने आरोप लगाया कि दरअसल नीतीश कुमार उस दोराहे पर खडे़ हैं जिसमें एक रास्ता नैतिकता तो दूसरा भ्रष्टाचारियों के संरक्षण की ओर जाता है. अब यह नीतीश कुमार तो तय करनाहै कि उन्हें किस रास्ते पर आगे बढ़ना है.