दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जीतेन्द्र सिंह तोमर
भागलपुर विश्वविद्यालय ने दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर पर फर्जी डिग्री मामले में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई। कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा के आदेश परप्रॉक्टर डा. योगेन्द्र ने तोमर पर विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।तोमर पर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय अवध फैजाबाद कीफर्जी स्नातक की डिग्री और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर भागलपुर विश्वविद्यालय के वीएनएस इंस्टीट्यूट फॉर लीगल स्टडीज मुंगेर में दाखिला लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके अलावा दिल्लीमें आवास रहने की जानकारी छिपाकर मुंगेर का पता बताने कोभी प्राथमिकी का आधार बनाया गया है। तत्कालीन कुलसचिव डा. गुलाम मुस्तफा और डा. आशुतोष प्रसाद ने तोमर के विज्ञान स्नातक की फैजाबाद विश्वविद्यालय की डिग्री और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के माइग्रेशन सर्टिफिकेट की पड़ताल करवाई थी। दोनों विश्वविद्यालयों नेडिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट के उनके यहां से जारी होने से इनकार किया था। उनके बाद सात फरवरी से 22 मार्च तक प्रो. क्षमेन्द्र कुमार सिंह प्रभारी कुलपति रहे और 23 मार्च से प्रो. नलिनी कांत झा कुलपति हैं। लेकिन सभी ने प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी की। प्रॉक्टर डा. योगेन्द्र और कुलसचिव डा. मोहन मिश्र ने माना कि देरी हुई है लेकिन इसकी वजह उन्हें पता नहीं है।
भागलपुर विश्वविद्यालय ने दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेन्द्र सिंह तोमर पर फर्जी डिग्री मामले में गुरुवार को प्राथमिकी दर्ज कराई। कुलपति प्रो. नलिनी कांत झा के आदेश परप्रॉक्टर डा. योगेन्द्र ने तोमर पर विश्वविद्यालय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।तोमर पर राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय अवध फैजाबाद कीफर्जी स्नातक की डिग्री और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के फर्जी माइग्रेशन सर्टिफिकेट के आधार पर भागलपुर विश्वविद्यालय के वीएनएस इंस्टीट्यूट फॉर लीगल स्टडीज मुंगेर में दाखिला लेने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसके अलावा दिल्लीमें आवास रहने की जानकारी छिपाकर मुंगेर का पता बताने कोभी प्राथमिकी का आधार बनाया गया है। तत्कालीन कुलसचिव डा. गुलाम मुस्तफा और डा. आशुतोष प्रसाद ने तोमर के विज्ञान स्नातक की फैजाबाद विश्वविद्यालय की डिग्री और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के माइग्रेशन सर्टिफिकेट की पड़ताल करवाई थी। दोनों विश्वविद्यालयों नेडिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट के उनके यहां से जारी होने से इनकार किया था। उनके बाद सात फरवरी से 22 मार्च तक प्रो. क्षमेन्द्र कुमार सिंह प्रभारी कुलपति रहे और 23 मार्च से प्रो. नलिनी कांत झा कुलपति हैं। लेकिन सभी ने प्राथमिकी दर्ज कराने में देरी की। प्रॉक्टर डा. योगेन्द्र और कुलसचिव डा. मोहन मिश्र ने माना कि देरी हुई है लेकिन इसकी वजह उन्हें पता नहीं है।