● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय और भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार का समापन रविवार को हुआ। "साहित्य किस प्रकार समाज सेवा के लिए प्रशिक्षित करता है" विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि समृद्ध साहित्य के बल पर ही भारत को विश्व गुरु का दर्जा दिया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बिहार ने दुनिया को कई गौरवशाली उपहार दिए हैं, जिसमें लोकतंत्र का ज्ञान के साथ ही शून्य को भी बिहार ही दिया है। बिहार की धरती ज्ञान की धरती रही है। इसे जरूरत है और समृद्ध करने की। मंत्री ने कहा कि हर भाषा का साहित्य जब तक समृद्ध नहीं होगा तब तक हम समृद्ध समाज और सबल समाज की कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हिंदी अगर साहित्य है तो उर्दू उसकी आत्मा है। मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि आज के दौर के लिए यह विषय समीचीन है। उन्होंने कहा देश में कुछ गड़बड़ हो रहा है जिस की अनुभूति शिक्षित लोग कर रहे हैं।
इसे बचाने के लिए शिक्षाविदों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि ईश्वर इंसान से परीक्षा लेती है। मंत्री ने शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि यही एक हथियार है जिसके बल पर हम दुनिया में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा को अमृत समझ कर हम ग्रहण करते हुए भारत को आगे बढ़ाने का काम करें। शिक्षा मंत्री ने शैक्षणिक स्तर पर हुए गिरावट को स्वीकार करते हुए कड़े शब्दों में कहा कि शिक्षक नियमित रूप से वर्ग संचालित करें। बच्चों में संस्कार बढ़ाएं, यह अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करें। मंत्री ने कहा कि प्राथमिक और उच्च शिक्षा में थोड़ी गिरावट आई है जो चिंताजनक है। लेकिन इसे समय रहते सुधार करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा की बुनियादी समस्याओं की रोना रोने से अच्छा है हम जहां हैं वही अपने काम को अंजाम तक पहुंचाएं। जब वर्ग संचालित होगा तो बच्चे निश्चित संस्थान में आएंगे और सरकार इस पर आगे सोचेगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। मंत्री ने कहा बीएन मंडल विश्वविद्यालय में पीजी स्तर के मात्र 9 विषयों का संबंधन प्राप्त था उनके मंत्री बनने के साथ ही अब अट्ठारह विषयों में संबंधन मिल चुका है। यह बीएन मंडल विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है।
मंत्री ने कहा कि कॉलेज में भवन बनाने का प्रस्ताव जब भेजा जाएगा उसे जल्द ही पूरा कर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा शिक्षकों पर कार्रवाई हो यह उचित नहीं होगा लेकिन जब शिक्षक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करेंगे तो उन्हें विवश होकर कार्रवाई करनी पड़ेगी।
सेमिनार का शुभारंभ प्रांगण रंगमंच के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार परमार के नेतृत्व में डॉ नेहा यादव, मौसम, ऋतु, सपना, आरती, प्रिया के द्वारा स्वागत गीत गाया गया। तबला पर विनोद केसरी ने संगत किया।
इंटरनेशनल रिसर्च स्कॉलर सेमिनार में बीएनएमयू की प्रतिकुलपति डॉ. आभा सिंह ने कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है। समृद्ध साहित्य के बल पर ही हम समृद्ध समाज और समृद्ध देश की परिकल्पना कर सकते हैं। उन्होंने विभिन्न विद्वानों को उद्धृत करते कहा कि उनके विचारों को आत्मसात कर हम साहित्य को समृद्ध कर सकते हैं। उन्होंने शिक्षक और छात्रों से स्वाध्याय के प्रति लगन शील रहने की बात कही।
प्रोवीसी डॉ सिंह ने कहा कि दर्शन में साहित्य आवश्यक है। साहित्य के बिना दर्शन संभव नहीं है।
बज्म ए सदफ के निदेशक सफदर इमाम कादरी ने कहा कि साहित्य में परिवर्तन होते रहा है। वर्तमान भारतीय परिपेक्ष में कई समस्याएं आई है। साहित्य समाज का जो भी स्वरूप है उसे यथार्थ रूप से उद्धृत करता है। जिससे आगे आने वाली पीढ़ी को सीख मिलती है। साहित्य मार्गदर्शन करता है संस्कृति की प्रवाह को आगे बढ़ाता है। उन्होंने रिसर्च स्कॉलर से नए शोध पर काम करने की बात कही।
पूर्व प्रधानाचार्य डॉ के एस ओझा ने कहा कि साहित्य के बिना विज्ञान भी अधूरा है। विज्ञान साहित्य के बिना दिल और दिमाग का होता है। जो आज तक कुछ न बोले और ना समझे वही बधिर कहलाता है। जिससे समाज का भला हो उसे हम साहित्य कहते हैं।
उन्होंने कहा कि हिंदी सभी भाषा की सगी बहन है। जिसका साहित्य समुन्नत है वही विश्व पर राज करेगा। डॉ अरविंद कुमार ने कहा की आदमी को इंसान बनाने का काम साहित्य करता है। उन्होंने शिक्षा मंत्री के समक्ष शिक्षा व्यवस्था को और समुन्नत करने की मांग भी रखी। उन्होंने कहा कि बेहतर सोच के साथ अगर हम आगे बढ़े तो समाज में घटने वाली घटनाएं कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि साहित्य सबके मन में है। जरूरत है उसे ग्रहण करने की। मंत्री को भी जिम्मेवारी है कि कुछ बेहतर करें। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता शिक्षा मंत्री से आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं। सेमिनार में कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ नवीन कुमार सिंह ने सेमिनार के औचित्य पर प्रकाश डाला और शिक्षा मंत्री सहित आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया l
सेमिनार की अध्यक्षता कोमर्स कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ नवीन कुमार सिंह ने किया, वहीं मंच संचालन डॉ शेफालिका शेखर ने की।
समारोह में आयोजन समिति सचिव डॉ. निजामुद्दीन अहमद, डॉ. शहरयार अहमद, शबाना आफरीन जावेद, डॉ ऋषि कुमार शर्मा, मो वसीमउद्दीन, डॉ. प्रभाकर, डा. संजय कुमार परमार, पूर्व डीएसपी गजेंद्र कुमार, अमेश कुमार, डा रमेश प्रसाद गुप्ता, डॉ बी गोयेत सहित अन्य मौजूद थे।।
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