● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार:'कृष्णभक्ति चिंतनधारा' विषय पर केंद्रीत अखिल भारतीय दर्शन परिषद् का तीन दिवसीय 66 वां वार्षिक अधिवेशन रविवार को खीजड़ा मंदिर ट्रस्ट, जामनगर (गुजरात) में शुरू हुआ। इसके उद्घाटन समारोह में देश के विभिन्न राज्यों के विद्वानों की महती उपस्थित रही। इनमें आचार्य श्रीकृष्ण मणि महाराज, स्वामी देवप्रसाद जी महाराज, प्रो. (डाॅ.) बलवंत जानी, प्रो. (डाॅ.) सच्चिदानंद मिश्र, सामान्य अध्यक्ष प्रो. (डाॅ.) सोहनराज तातेड़, अध्यक्ष डॉ. जटाशंकर, सचिव डॉ. जेएस दुबे आदि प्रमुख थे।
डॉ. शेखर ने बताया कि अधिवेशन में बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। इसमें बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के डॉ. सरोज कुमार वर्मा, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. विजय कुमार एवं डॉ. शशिभुषण, वीकेएसयू, आरा से डॉ. शिवपरसन सिंह एवं रणविजय सिंह, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, पटना के डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. ज्योति सिंह एवं डॉ. नीरज प्रकाश और बीएनएमयू, मधेपुरा के डॉ. सुधांशु शेखर आदि भी शिरकत कर रहे हैं।
डॉ. शेखर ने बताया कि उन्होंने बताया कि सोमवार को पांच विभागों, यथा- तर्क एवं ज्ञान-मीमांसा, नीति दर्शन, धर्म-मीमांसा, तत्व-मीमांसा और समाज दर्शन में शोध आलेख प्रस्तुत किया जाएगा। उनका पत्र नीति दर्शन विभाग में "महात्मा गांधी एवं डॉ. अंबेडकर का दलित-मुक्ति संबंधी विचार : एक तुलनात्मक एवं समीक्षात्मक अध्ययन" विषय पर है।।
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