पतरघट/सहरसा: सहरसा जिले के पतरघट ब्लॉक के दैनिक जागरण के पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता कपसिया निवासी पवनदेव सिंह का 16 अप्रैल रोज शनिवार को निधन हो गया। वे पटना के आईजीआईएमएस में अंतिम सांस ली। पवनदेव सिंह 4 दिन पहले सहरसा जाने के क्रम में सौर बाजार के पास राजबंधा में सामने से एक बाइक सवार द्वारा ठोकर मार दिए जाने से गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। उन्हें सहरसा इलाज के लिए लाया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया था। पवन देव को पटना के आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया था।
जहां उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। शनिवार को करीब 11 बजे वे इस दुनिया को अलविदा कर गए। करीब चार दशक से पतरघट और सोरबाजार ब्लॉक में पत्रकारिता के क्षेत्र में इनकी अलग धाक व शाक थी। कलम के धनी पवनदेव सिंह लड़ाकू और निष्पक्ष पत्रकार के रूप में जाने जाते थे। पत्रकारिता के साथ साथ सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यों में इनकी विशेष योगदान रहता था। पवनदेव के निधन की खबर सुन इलाके में मातम छा गया है। ज्ञात हो कि पिछले साल अप्रैल में उनके छोटे पुत्र विकास की मौत कोरोना से दिल्ली में हो गई थी। वे और उनके परिवार के सदस्य उस सदमे से ठीक तरह से उबर भी नही पाए थे कि परिवार को दूसरा झटका लग गया।
वे अपने पीछे पत्नी, पुत्र राजेश चिक्कू, दो पुत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए। उनके निधन की खबर मिलते ही उनके घर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। पटना से उनके पुत्र राजेश चिक्कू ने बताया कि एंबुलेंस से उन्हे कपसिया लाया जा रहा है।
● पत्रकारों में छाई मायूसी: पतरघट से सबसे पुराने और अनुभवी पत्रकार पवनदेव सिंह के निधन से अन्य पत्रकारों में मायूसी व्याप्त है। हिन्दुस्तान के विश्वविद्यालय संवाददाता/पत्रकार डॉ संजय कुमार परमार, पुलेंद्र कुमार महादेव, राजेश सिंह, दीपक सिंह, आशीष झा, सहित अन्य ने बताया कि वे अपने मार्गदर्शक और अभिभावक को खो दिया है। इसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने बताया कि पत्रकारों की समस्या समाधान के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे। डॉ. परमार ने बताया कि पवनदेव बाबू की पहचान वेवाक पत्रकार के रूप में था। लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उनके निधन से पत्रकारिता क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।।
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