भारत सरकार के द्वारा लागू नई शिक्षा नीति से शिक्षा में होगा अहम बदलाव - News Express Now :: Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, | हिन्दी न्यूज़ लाइव

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

गुरुवार, 30 जुलाई 2020

भारत सरकार के द्वारा लागू नई शिक्षा नीति से शिक्षा में होगा अहम बदलाव



छात्र में होंगे अहम बदलाव : डॉ. के पी यादव

शिक्षा में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर। शिक्षकों के सपोर्ट के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने की बात भी नई शिक्षा नीति में शामिल है ऑनलाइन शिक्षा के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेट तैयार होगा, वर्चुअल लैब और डिजिटल लाइब्रेरी बनेंगी। सभी प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाएं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कराएगी। कंप्यूटर आधारित परीक्षा पर जोर रहेगा।


सिर्फ ज्ञान नहीं कौशल और रोजगार भी

लिबरल एजुकेशन में देश की 64 कलाओं को बढ़ावा मिलेगा। विभिन्न विषयों में दक्षता और क्षमता के आधार पर डिग्री की पढ़ाई होगी। इसका मतलब ज्ञान के साथ कौशल विकसित करना है, जिससे रोजगार के मौके मिलें। स्नातक तक कोर्स 3-4 वर्ष का होगा और कभी भी प्रवेश और पढ़ाई छोड़ने का विकल्प सर्टिफिकेट के साथ मिलेगा।

लड़कियों की शिक्षा जारी रहे इसके लिए उनको भावनात्मक रूप से सुरक्षित वातावरण देने का सुझाव दिया गया है. हम इस शिक्षा नीति का स्वागत करते हैं

डॉ बेबी कुमारी
गोरेलाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय
कवयाही, मधेपुरा



अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मधेपुरा के  जिला संयोजक शशि यादव ने कहा कि देशहित व छात्रहित में है भारत सरकार के द्वारा लागू नई शिक्षा नीति ,भारत सरकार के निर्णय का हम अभिनंदन ओर पुरजोर स्वागत करते है।
नई शिक्षा नीति में छात्रों को शिक्षा के अनुसार विषय के चुनाव में लचीलापन लाकर छात्रों छात्रों के मनोवैज्ञानिक बोझ को कम करने का प्रयास किया गया , साथ ही शैक्षणिक गति के साथ अन्य सह गतिविधियां यथा खेलकूद ,कंप्यूटर प्रशिक्षण ,नौकासन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन ,डेहरी ,आदी जैसे रचनात्मक गतिविधियों को शामिल कर बेरोजगारी के समस्या पर नियंत्रण कर भारत को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा नई शिक्षा नीति के अंतर्गत मानवीय एवं संवैधानिक मूल्यों के ज्ञान के अलावे नैतिकता पर जोर देकर भ्रष्टाचार, भाई भतीजावाद जैसे सामाजिक बुराइयों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
        आशा है कि नई शिक्षा नीति अपनाकर भारतवर्ष अपनी भारतवर्ष अपनी पुराने गौरव को तो प्राप्त करेगा ही साथ साथ एक मजबूत एवं शैक्षणिक व्यवस्था का भी शुभारंभ हो सकेगा ।

जाने नई शिक्षा नीति 2020 की कहानी
पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली केबिनेट के मीटिंग में नई शिक्षा नीति-2020 को अंतिम रूप से मंजूरी दी गई। हमारे देश भारत में पहली बार सन 1968 में नई शिक्षा नीति तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के समय लाया गया था, दूसरी बार 1986  में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नई शिक्षा नीति लाई गई,जो अब तक चल रहे हैं।बीच में नई शिक्षा नीति 1986 में कुछ फेरबदल करने के लिए 1992-93 में एक कमिटि का गठन हुआ,लेकिन उसके सुझाव को लागू नहीं किया जा सका।
फिर 34 साल के बाद मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020  लाई है।
●इस नई शिक्षा नीति में बहुत अच्छी अच्छी बात कही गई है:-
1.मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब "शिक्षा मंत्रालय"कर दिया गया है।
मालूम हो कि 1985 से पहले मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय ही था।
2. नई शिक्षा नीति में GDP का 6% शिक्षा पर खर्च करने की बात कही गई है, लेकिन अभी केंद्र व राज्य GDP का 4.43% ही शिक्षा पर खर्च कर रही है।
इससे पहले के भी शिक्षा नीति में GDO का 6% खर्च करने का लक्ष्य रखा था, पर वो धरातल पर उतर नहीं पाया।
3.नई शिक्षा नीति 2020 में प्राथमिक विद्यालय तक हरेक बच्चे को मातृभाषा में शिक्षा देने की बात की गई है,
लेकिन भारतीय संविधान का अनुच्छेद 350A में भी प्राथमिक विद्यालय तक बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा देने की बात कही गई है, पर आज तक इसका 100%पालन कही नहीं दिखा है, अब नई शिक्षा नीति 2020 में इसका कितना पालन हो पाता है, वो तो समय बतायेगा।
4.सरकारी स्कूलों को कितना मजबूत व हमेशा शिक्षक की कमी  को दूर करने का क्या लक्ष्य है, इसकी बात नहीं कि गई है।
5.UGC को समाप्त करने की गई है।

नई शिक्षा नीति 2020 में जितने भी  बड़े बड़े दावे किए गए हैं,  ओर वो धरातल पर कितना अमल होता है, वो तो समय ही बताएगा...???


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Pages