संपादक- आर. कुमार
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर छात्रों के भविष्य को देखते हुए रेलवे की परीक्षा को लेकर बनाए गए परीक्षा केंद्र की दूरी को कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र की लंबी दूरी की समस्या छात्रों के लिए नासूर बन गई है। इस संबंध में अभाविप के विभाग संयोजक रंजन यादव, जिला संयोजक अभिषेक यादव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशि यादव, नगर मंत्री नीतीश यादव, केंद्रीय परिषद के मेंबर दिलीप कुमार दिल एवं जिला संगठन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत ने पत्र में कहा है कि बिहार सहित पूरे देश के गरीब छात्रों के लिए रेल मंत्रालय को नि:शुल्क परीक्षा केंद्र पर पहुंचाने की व्यवस्था करें। साथ ही परीक्षा की तिथि आगे बढ़ा कर निकट के शहर में परीक्षा केंद्र बनाए।
एक से दो हजार किलोमीटर दूर बनाया गया परीक्षा केंद्र
उन्होंने कहा कि 9 अगस्त से रेलवे में सहायक, लोको पायलट व टेक्नीशियन के 26502 पदों पर बहाली के लिए परीक्षा शुरू हो रही है। इसमें 47 लाख से अधिक छात्र भाग लेंगे। लेकिन परीक्षा केंद्र एक हजार से लेकर दो हजार किलोमीटर दूर रहने के कारण छात्र काफी परेशान एवं हतोत्साहित हैं। इसकी संपूर्ण जिम्मेवारी सिर्फ और सिर्फ रेल मंत्रालय की है। पटना के छात्रों का परीक्षा केंद्र जबलपुर, सिवान का बंगलुरु, सासाराम आरा का हैदराबाद एवं भुवनेश्वर, कटिहार का मोहाली व बक्सर के छात्रों का परीक्षा केंद्र चेन्नई हो गया है। जबकि मधेपुरा व सहरसा के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र इंदौर में बनाया गया है।
परीक्षा छूट जाने के डर से भयभीत हैं रेलवे परीक्षा के छात्र
उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के कारण कई छात्र अपने राज्यों से बाहर ठहरने का खर्च नहीं जुटा पा रहे हैं तो कोई परीक्षा छूट जाने के डर से भयभीत है। कुछ छात्रों के पास रुपए हैं तो तो टिकट नहीं मिल रहा है। रेलवे की परीक्षा देने जा रहे अधिकतर छात्र गरीब एवं निम्न मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं। इनके लिए हजार दो हजार रुपए की व्यवस्था करना भी बड़ी बात है। अगर छात्र किसी तरह परीक्षा केंद्र पर पहुंचते भी हैं तो उन्हें 20 से 25 घंटे के सफर के थकान के साथ परीक्षा देना होगा। जिसका प्रभाव भी परीक्षाफल पर व्यापक रूप से पड़ेगा ।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर छात्रों के भविष्य को देखते हुए रेलवे की परीक्षा को लेकर बनाए गए परीक्षा केंद्र की दूरी को कम करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्र की लंबी दूरी की समस्या छात्रों के लिए नासूर बन गई है। इस संबंध में अभाविप के विभाग संयोजक रंजन यादव, जिला संयोजक अभिषेक यादव, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशि यादव, नगर मंत्री नीतीश यादव, केंद्रीय परिषद के मेंबर दिलीप कुमार दिल एवं जिला संगठन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत ने पत्र में कहा है कि बिहार सहित पूरे देश के गरीब छात्रों के लिए रेल मंत्रालय को नि:शुल्क परीक्षा केंद्र पर पहुंचाने की व्यवस्था करें। साथ ही परीक्षा की तिथि आगे बढ़ा कर निकट के शहर में परीक्षा केंद्र बनाए।
एक से दो हजार किलोमीटर दूर बनाया गया परीक्षा केंद्र
उन्होंने कहा कि 9 अगस्त से रेलवे में सहायक, लोको पायलट व टेक्नीशियन के 26502 पदों पर बहाली के लिए परीक्षा शुरू हो रही है। इसमें 47 लाख से अधिक छात्र भाग लेंगे। लेकिन परीक्षा केंद्र एक हजार से लेकर दो हजार किलोमीटर दूर रहने के कारण छात्र काफी परेशान एवं हतोत्साहित हैं। इसकी संपूर्ण जिम्मेवारी सिर्फ और सिर्फ रेल मंत्रालय की है। पटना के छात्रों का परीक्षा केंद्र जबलपुर, सिवान का बंगलुरु, सासाराम आरा का हैदराबाद एवं भुवनेश्वर, कटिहार का मोहाली व बक्सर के छात्रों का परीक्षा केंद्र चेन्नई हो गया है। जबकि मधेपुरा व सहरसा के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र इंदौर में बनाया गया है।
परीक्षा छूट जाने के डर से भयभीत हैं रेलवे परीक्षा के छात्र
उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के कारण कई छात्र अपने राज्यों से बाहर ठहरने का खर्च नहीं जुटा पा रहे हैं तो कोई परीक्षा छूट जाने के डर से भयभीत है। कुछ छात्रों के पास रुपए हैं तो तो टिकट नहीं मिल रहा है। रेलवे की परीक्षा देने जा रहे अधिकतर छात्र गरीब एवं निम्न मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं। इनके लिए हजार दो हजार रुपए की व्यवस्था करना भी बड़ी बात है। अगर छात्र किसी तरह परीक्षा केंद्र पर पहुंचते भी हैं तो उन्हें 20 से 25 घंटे के सफर के थकान के साथ परीक्षा देना होगा। जिसका प्रभाव भी परीक्षाफल पर व्यापक रूप से पड़ेगा ।
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