बीएनएमयू में अवैध तरीके से साक्षात्कार का आरोप लगा छिड़ा संग्राम, 6 पर एफआईआर, कुलसचिव का फरमान कर्मचारी काम के साथ लाठी भी चलाए, छात्रसंगठनों ने किया कुलसचिव के द्वारा अभद्रता पर माफी की मांग - News Express Now :: Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, | हिन्दी न्यूज़ लाइव

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बुधवार, 8 अगस्त 2018

बीएनएमयू में अवैध तरीके से साक्षात्कार का आरोप लगा छिड़ा संग्राम, 6 पर एफआईआर, कुलसचिव का फरमान कर्मचारी काम के साथ लाठी भी चलाए, छात्रसंगठनों ने किया कुलसचिव के द्वारा अभद्रता पर माफी की मांग

संपादक- आर. कुमार


बीएन मंडल विश्वविद्यालय में संविदा पर कर्मियों की गुपचुप बहाली को लेकर विभिन्न छात्र संगठनों हंगामा करते हुए प्रोवीसी प्रो डॉ फारूक अली के साथ अन्य पदाधिकारी व कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की की घटना को अंजाम दिया। इस घटना में चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी जयकृष्ण यादव के पुत्र राजीव कुमार का सिर फट गया। वहीं प्रोवीसी के साथ अन्य पदाधिकारियों व कर्मियों को चोटें आई। घटना के बाद पहुंची पुलिस ने छात्र व कर्मचारियों के झड़प को शांत करने का प्रयास किया। एक घंटे तक विवि परिसर रणक्षेत्र बना रहा। विवि में स्थिति बिगड़ने पर कुलसचिव ने काम-काज स्थगित कर परिसर को खाली करवाने का निर्देश जारी किया। इस बीच विवि पहुंच कर सदर डीएसपी वशी अहमद व डीएसएलआर ने स्थिति का जायजा लिया और आवश्यक कार्रवाई के लिए कुलपति से वार्ता की। इस दौरान कुलसचिव कर्नल के निर्देश पर कुलानुशासक डॉ अरूण कुमार यादव ने 6 नामजद छात्र नेताओं के अलावा 20 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सदर थानाध्यक्ष को पत्र लिखा।

इससे पहले विवि में आवश्यकता अनुसार कर्मियों को संविदा पर बहाल करने की प्रक्रिया अपनाते हुए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया जा रहा था। विवि कर्मियों को संविदा पर बहाल करने के लिए पहले योग्य अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर रही थी। लेकिन छात्र संगठनों की आपत्ति इस बात को लेकर थी कि इंटरव्यू का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। विवि पीछे के दरवाजे से गुपचुत तरीके से कर्मियों की बहाली कर रही है। इसी बात को लेकर कुछ छात्र नेता प्रेक्षा गृह स्थित इंटरव्यू हॉल में हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर विवि के पदाधिकारियों द्वारा छात्र नेताओं को डरा धमका कर बाहर निकाला गया।

विवि में आए दिन छात्र संगठनों के उपद्रव को देखते हुए बुधवार को कुलसचिव ने फरमान जारी करते हुए कहा कि अब कर्मचारियों को कलम के साथ लाठी भी चलाना होगा। उन्होंने कहा कि विवि की सुरक्षा में लाठी नहीं चलाने वाले कर्मियों का वेतन काट लिया जाएगा। विवि में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होने पर फौज की तैनाती करने की बात कर्नल ने कही। उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन विवि की सुरक्षा में सक्षम नहीं होती है तो फौज के जवानों को बुलाया जाएगा। विवि में 200 कर्मियों के रहते पदाधिकारी के साथ मारपीट की घटना को कुलसचिव ने शर्मनाक बताया। कुलसचिव निर्देश पर विवि परिसर में छात्र नेताओं से मुकाबला करने के लिए लाठी पाटी को तैनात भी कर दिया गया। वहीं उन्हें निर्देश दिया गया कि विवि में हंगामा करने वाले को लाठी से पीट कर भगाओ।

मंगलवार से शुरू वॉक इन इंटरव्यू के दौरान विवि प्रशासन की स्थिति संदेहास्पद रही। विवि ने इंटरव्यू की तिथि की व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं कर केवल विवि वेबसाइट पर अपलोड कर दिया। इंटरव्यू के लिए दी सूचना में केवल 7 अगस्त की तिथि निर्धारित थी। लेकिन मंगलवार को सभी पदों पर इंटरव्यू नहीं होने की स्थिति में मंगलवार को भी अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया गया। हैरत करने वाली बात यह है कि दो दिनों तक चले इंटरव्यू की सूचना स्थानीय प्रशासन को नहीं थी और ना ही प्रशासन से विधि व्यवस्था कायम रखने के लिए दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की विवि ने मांग की। इस परिस्थिति में जब हंगामा शुरू हुआ तो पुलिस के पहुंचने से पहले ही विवि के पदाधिकारी छात्रों के आक्रोश का शिकार हो चुके थे।

विवि प्रशासन ने साहुगढ निवासी पीयूष कुमार के अलावा छात्र राजद के सोनू कुमार, माधव कुमार, ईशा असलम, प्रदीप कुमार एवं मनीष कुमार सहित 20 अज्ञात छात्र नेताओं पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस पर विभिन्न् छात्र संगठनों ने आपति जताते हुए कड़ी आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके लिए सर्वदलिय छात्र संगठनों की बैठक बुला कर विवि के खिलाफ आंदोलन की रूप रेखा तैयार की गई। उन्होंने कहा कि पहले विवि में नियम के विरूद्ध नियुक्ति के लिए इंटरव्यू लिया गया और इसका विरोध करने पर छात्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ पदाधिकारियों ने गाली गलौज की। इसके बाद लाठी डंडा से से लैस गुंडों से छात्र संघ के पदाधिकारियों पर हमला करवाया गया।



कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने घटना की नींदा करते हुए इसे दुखद बताया। इस घटना ने विवि को शर्मशार किया है। इस तरह की घटना करने वालों का सामाजिक स्तर पर बहिष्कार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि विवि सारी कार्रवाई छात्रों से पूछ कर करेगी तो विवि का विकास ठप पड़ जाएगा। विवि हम काम पर पादर्शिता बरत रही है। विवि भी संवैधानिक संस्थान है। संस्था का काम है छात्रों को शिक्षित करना। लेकिन विवि नहीं पूरे समाज को शर्मशार करने वाली इस तरह की घटना भविष्य ना हो विवि प्रशासन इसकी उम्मीद करती है।

घटना के बाद शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ सुभाष सिंह एवं महासचिव डॉ अशोक कुमार ने इसकी तीव्र नींदा की। वहीं विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ राजेश्वर राय, सचिव अखिलेश्वर नारायण एवं संतोष कुमार कलम के साथ लाठी लेकर काम करने के निर्देश पर विवि प्रशासन के साथ खड़ा दिखे। उन्होंने कहा कि विवि प्रशासन के निर्देश का विवि के सभी कर्मचारी पालन करेंगे। संघ ने हंगामा करने वाले छात्र नेताओं को असामाजिक तत्व करार देते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। हालांकि कर्मियों का एक खेमा दबी जुबान से यह कह रहे थे कि पदाधिकारियों की गलती की सजाम कर्मी क्यों भुगतेंगे। छात्रों से लाठी लेना कर्मियों का काम नहीं है।

बीएन मंडल विश्वविद्यालय में राजभवन व राज्य सरकार की सख्ती के बाद गलत तरीके से नियुक्त कर्मियों को हटाने की बजाय संविदा पर बहाली प्रक्रिया शुरू करने के बाद स्थिति तनावपूर्ण बन गई है। इसके विरोध में विभिन्न छात्र संगठनों ने विवि प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कुलपति को आवेदन सौंप कर बहाली प्रक्रिया को नियम विरूद्ध बताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। छात्र नेता सोनू यादव, ऋषिकेश, रूपेश कुमार, दिलीप कुमार दिल, माधव कुमार, निशांत यादव, हर्षवर्धन कुमार, नीतीश कुमार, अभिषेक यादव, शशि कुमार यादव, विश्वजीत पीयूष, रंजन, अमोद, पिंटू, बिट्टू व मिथुन ने कहा कि नियम विरुद्ध लिए जा रहे इंटरव्यू का विरोध करने पहुंचे छात्र प्रतिनिधियों के साथ विवि में अभद्र व्यवहार किया गया। छात्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुए मारपीट की घटना का सर्वदलीय संगठन ने निंदा की। वहीं विवि इस करतूत के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन करने की बात कही।

विवि प्रशासन ने साहुगढ निवासी पीयूष कुमार के अलावा छात्र राजद के सोनू कुमार, माधव कुमार, ईशा असलम, प्रदीप कुमार एवं मनीष कुमार सहित 20 अज्ञात छात्र नेताओं पर सदर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस पर विभिन्न् छात्र संगठनों ने आपति जताते हुए कड़ी आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि विवि में नियम के विरूद्ध नियुक्ति का विरोध करने पर छात्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ पदाधिकारियों ने गाली गलौज की गई। इसके बाद लाठी डंडा से से लैस गुंडों से छात्र संघ के पदाधिकारियों पर हमला करवाया गया।

जानकारी के अभाव में इंटरव्यू में अभ्यर्थियों के नहीं पहुंचने पर विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रकट करते हुए प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस संबंध में अभाविप के रंजन यादव, एसएफआई के सारंग तनय, एनएसयूआई के निशांत यादव, प्रभात कुमार मिस्टर, अभाविप के अमोद कुमार, अभिषेक यादव, दिलीप कुमार दिल एवं संजय कुमार ने कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय को ज्ञापन सौंपते हुए इसमें गड़बड़ी की आशंका व्यक्त किया है। उन्होंने नए सिरे से स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित कर इंटरव्यू की तिथि पुन: निर्धारित करने की मांग की।

छात्र संगठनों ने कहा कि संविदा पर बहाली के लिए इंटरव्यू का आयोजन तो किया गया लेकिन आज तक ना तो किसी स्थानीय समाचार पत्रों में या किसी न्यूज पोर्टल पर इसकी सूचना दी गई है। जानकारी के अभाव में विवि अंतर्गत सहरसा, मधेपुरा एवं सुपौल जिले के योग्य अभ्यर्थी इससे वंचित हो गए हैं। इंटरव्यू की सूचना विवि वेबसाइट पर कभी रहता है तो कभी गायब हो जाता है। सूचना में रिक्ती नहीं बताई गई है। इससे प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावना प्रबल है।

पिछले वर्ष विवि में जारी 86 कर्मियों की नियुक्ति से संबंधी अधिसूचना में अपना नाम नहीं देख चंदन नामक अस्थायी कर्मी ने कुलपति कार्यालय के सामने जहर खा कर आत्महत्या करने का प्रयास किया गया था। उसे किसी तरह डॉक्टरों ने तो बचा लिया लेकिन फिर से चंदन सहित विवि के दो दर्जन कर्मचारी जहर खाने का विवश है। इनमें पीजी विभागों में वर्षो से काम कर रहे 17 कर्मचारियों के अलावा 5 चतुर्थ वर्गीय कर्मी शामिल हैं। विवि में चंदन जैसे कर्मचारियों का कहना है कि अगर उन्हें नियमित नहीं किया गया तो वे कुलपति कार्यालय के सामने जहर खाने को विवश होंगे।

जरूरत के अनुसार विवि में आउटसोर्सिंग व संविदा पर कर्मियों को बहाल करने का प्रावधान है। विवि में सत्र नियमित करने के लिए लगातार परीक्षाएं आयोजित कर परीक्षाफल प्रकाशित करनी है। इसके लिए मैन पॉवर की जरूरत होगी। बिना किसी शुल्क के अभ्यर्थियों का वॉक इन इंटरव्यू लिया गया। इंटरव्यू के बाद योग्य अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर आवश्यकता अनुसार संविदा पर काम लिया जाएगा।

प्रो डॉ अवध किशोर राय, कुलपति, बीएनएमयू



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