● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: जिला मुख्यालय अंतर्गत राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास मधेपुरा के प्रांगण में महात्मा ज्योतिराव फुले जी की 194वीं जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत फुले साहब के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए बीएनएमयू के सीनेट-सिंडिकेट सदस्य सह टीपी कॉलेज के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ जवाहर पासवान ने कहा कि विश्वरत्न महामानव बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर के गुरु रहे "सत्यशोधक समाज" के संस्थापक क्रांतिज्योती महात्मा ज्योति राव फूले साहब ने पहली बार गुलाम भारत में 1848 में अंग्रेजों से लड़कर शिक्षा के अधिकार को प्राप्त किया था, अपने समय में उन्होंने 20 विद्यालय खोलने का काम किया, जिस कारण भारत के पिछड़े शोषित वंचित समाज को शिक्षा लेने का मौका मिला। उस समय इस देश में मनुवाद काफी चरम सीमा पर था।
उसके बावजूद भी उन्होंने काफी पीड़ा और यातनाओं को सहकर जीवन के अंतिम क्षण तक समाज के लिए लड़ता रहे। आज जरूरत आन पड़ी है कि देश में उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए युवा पीढ़ी प्रयासरत रहे तब जाकर उनके सपनों को साकार किया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के बिहार राज्य प्रभारी डॉ सुभाष पासवान ने कहा कि पिछड़े समाज में पैदा हुए क्रांतिज्योति महात्मा फुले नहीं होते तो बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर भारत के संविधान का जनक नहीं कहलाते, उन्हीं के अधूरे कारवां को आगे बढ़ाने का काम बाबा साहब के द्वारा किया गया। फुले साहब कहा करते थे "विद्या विना मती गई, मति बिना नीति गई, नीति बिना गति गई, गती विना वित्त गया", यह सारा अनर्थ अशिक्षा के कारण हुआ ।उन्होंने कहा कि इसीलिए फुले साहब की जयंती मनाना तभी सार्थक होगा तब हम इनके अधूरे सपने को पूरा कर पायेंगे।
छात्रावास के छात्रनायक राजहंस राज उर्फ मुन्ना ने कहा कि आज देश में जरूरत है ज्योतिराव फुले के नीति पर चलने का, तब जाकर हमारा प्रगति हो सकता है।
मुख्य अतिथि के रूप में आर के.के.काॅलेज पूर्णिया से आए प्रो. मनोज कु. यादव ने कहा कि क्रांतिज्योति महात्मा भारत के लिए एक शलाका पुरुष थे। उन्होंने बिना भय के, मनुवादी विचारधाराओं के खिलाफ लड़ाई लड़ने का काम किया, जिसका प्रतिफल आज हमारे समाज के बीच दिखाई पड़ रहा है। मौके पर सुनील कुमार, शिव शंकर कुमार, नीतीश कुमार, प्रिंस कुमार, प्रकाश कुमार, सत्यम रंजन एवं ओम रंजन आदि मौजूद रहे।।।
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