मधेपुरा। जिला मुख्यालय के सुखासन गांव में बीएसएफ जवान आशीष कुमार आनंद का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पहले जिला मुख्यालय से लेकर सुखासन गांव तक शहिद आशीष शव यात्रा निकाली गयी। शव यात्रा में शहीद अशीष अमर रहे के नारे गुंजते रहे। शव यात्रा के दौरान सांसद दिनेशचंद्र यादव, सदर बीडीओ आर्य गौतम, थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह, मुखिया कमलेश्वरी सिंह सहित अन्य पदाधिकारी व जनप्रतिनिधि शामिल रहे।
सुखासन गांव स्थित नमक सत्याग्रह स्थल के पास बुधवार को अंतिम संस्कार के समय सुखासन गांव वासियों के अलावे जिला मुख्यालय सहित मदनपुर, चकला आदि अगल बगल के गांव से हजारों लोग पहुंचे । बीएसएफ के जवानों ने 21 गोलियों की सलामी देकर जवान आशीष को नमन किया।
मालूम हो कि छठ पर्व की छुट्टी समाप्त होने के बाद बीएसएफ के हेड कांस्टेबल आशीष कुमार आनंद (35), पत्नी सोनी कुमारी(26) और पुत्री अंशिका (डेढ़) के साथ पांच दिसंबर को बैशाली एक्सप्रेस से दिल्ली के लिए रवाना हुए। दिल्ली स्टेशन से उतरने के बाद छह दिसंबर को एक भाड़े की गाड़ी पर सवार होकर डियूट्टी स्थल फिरोजपुर के लिए रवाना हुए। फिरोजपुर जाने के दौरान ही हरियाणा के कैथल में दिन के डेढ़ बजे तेज गति से आ रहे एक कैंटर ने आशीष कुमार आनंद के कार में जोरदार टक्कर मार दी। कार में बैठे जवान आशीष कुमार सिंह और पत्नी सोनी कुमारी की मौके पर ही मौत हो गयी। जबकि पुत्री अंशिका की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। इकलौते पुत्र की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर बीएसएफ जवान के पिता अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह सहित परिजनों को छह दिसंबर की शाम को मिली।
बीएसएफ जवान आशीष कुमार आनंद, पत्नी सोनी कुमारी व पुत्री अंशिका की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पिता अवधेश कुमार सिंह, माता उषा देवी, बहन मनीषा सिंह, चाचा मुनचुन सिंह, ससुर सुधीर सिंह,सास रेणु देवी, बहनोई रमण सिंह, साला सोनू सिंह सहित अन्य सगे-संबंधियों का रो-रोकर बुरा हाल था। माता-पिता सहित अन्य कई संबंधी बार-बार बेहोश हो जाते। आशीष की मौत की खबर मिलते ही आसपास के गांव के सैकड़ों लोगों का जमघट लग गया। जवान आशीष की एक झलक पाने के लिए लोग बेताव रहे।
दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही गांव में एक भी चुल्हा नहीं जला
सुखासन के लाल बीएसएफ जवान आशीष कुमार आनंद की सड़क दुर्घटना में मौत की खबर मिलते ही गांव में एक भी चुल्हा नहीं जला। सभी लोग आशीष आनंद की मौत पर गमजदा थे। सुखासन निवासी अधिवक्ता दिलीप कुमार सिंह नेे बताया कि आशीष कुमार आनंद हंसमुख, मिलनसार और गरीबों के मददगार व्यक्ति थे। वे जब भी छुट्टी में गांव आते तो युवकों के साथ क्रिकेट खेलते थे। समाजिक कार्यकर्ता उर्फ नेताजी जगदीश यादव ने बताया कि आशीष कुमार आनंद जब भी गांव आते तो वे हर व्यक्ति से मिलकर उनका हालचाल जरूर पूछते। समय पर लोगों की मदद करने से भी पीछे नहीं हटते थे।
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