पटना. निगरानी की जांच के घेरे में बेगूसराय के लगभग 10 हजार नियोजित शिक्षक हैं। निगरानी की जांच टीम की मानें तो जिले में तकरीबन 500 शिक्षकों की बहाली फर्जी तरीके से हुई है। जांच आगे बढ़ी तो लिस्ट और लंबी हो सकती है। निगरानी अबतक जिले के 5 थानों में 65 नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध छह एफआईआर कर चुकी है। निगरानी के एक अधिकारी ने बताया कि दस हजार शिक्षकों का फोल्डर सभी संबंधित डीपीओ से मांगा गया था।
लेकिन लगभग दो साल बीतने के बाद भी मात्र 72 सौ शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध कराया गया है। इस कारण जांच प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही फोल्डर उपलब्ध कराया जाएगा फर्जी शिक्षकों की लिस्ट बढ़ेगी। फोल्डर में शिक्षकों के नियोजन से संबंधित सभी कागजात होते हैं। निगरानी ने भगवानपुर (8817) में 15, खोदावंदपुर के छौड़ाही में 4, भगवानपुर (13117) में 15, वीरपुर में 9, डंडारी में 14 और मटिहानी थाने में 8 नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया है। इनमें से कई शिक्षक बोर्ड से फर्जी प्रमाणपत्र लेकर जमानत ले चुके हैं। वहीं कई जेल में हैं। निगरानी की जांच रिपोर्ट में मैट्रिक के अंक प्रमाण पत्र फर्जी हैं वहीं कई के बीटेट का प्रमाण पत्र ही गलत है।
लेकिन लगभग दो साल बीतने के बाद भी मात्र 72 सौ शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध कराया गया है। इस कारण जांच प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि जैसे ही फोल्डर उपलब्ध कराया जाएगा फर्जी शिक्षकों की लिस्ट बढ़ेगी। फोल्डर में शिक्षकों के नियोजन से संबंधित सभी कागजात होते हैं। निगरानी ने भगवानपुर (8817) में 15, खोदावंदपुर के छौड़ाही में 4, भगवानपुर (13117) में 15, वीरपुर में 9, डंडारी में 14 और मटिहानी थाने में 8 नियोजित शिक्षकों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया है। इनमें से कई शिक्षक बोर्ड से फर्जी प्रमाणपत्र लेकर जमानत ले चुके हैं। वहीं कई जेल में हैं। निगरानी की जांच रिपोर्ट में मैट्रिक के अंक प्रमाण पत्र फर्जी हैं वहीं कई के बीटेट का प्रमाण पत्र ही गलत है।
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