मधेपुरा जिला के धुरगांव पंचायत के वार्ड नंबर 9 में आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका बहाली में पैसे के लेनदेन कर गलत तरीका से बहाल करने का आरोप लगाया गया है ।आवेदनकर्ता सुनीता कुमारी व लूसी कुमारी ने जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के पास शिकायत करते हुए बताई कि
कल्याण विभाग पटना के ज्ञापांक
*आई०सी०डी०एस*॰-30010/1-2011/990 दिनांक- 05/04/2016 मार्गदर्शिका 2016 के आलोक में मधेपुरा जिला के समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय मधेपुरा में अपनी-अपनी आवेदन दाखिल की थी. जिस अभ्यर्थी की चयन दिनांक 16/04/2018 को पैसा के बल पर सेविका सहायिका के पद पर अवैध ढंग नियोजन किया गया था. जिसके विरुद्ध हम लोगों ने आपके कार्यालय एवं अन्य कार्यालय में आवेदन दिए एवं मौखिक रूप से बाल विकास परियोजना से बार-बार पूछे, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. मैपिंग पंजी गलत होने का आवेदन हम लोग 18/04/2018 को बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में दिए तो उसने बोला मैपिंग पंजी सही है. आम सभा के तीन माह बाद तक कोई सूचना नहीं दिया गया और ना ही कार्यालय के सूचना पट्ट पर कोई सूचना चिपकाया गया. दिनांक 17/07/2018 को पुनः आमसभा किया गया. जिस आमसभा में कुछ आवेदिका का नाम आवेदन रजिस्टर से गायब है एवं कुछ आवेदिका का मेधा सूची पूर्व आम सभा के मेधा सूची से भिन्न है. बाल विकास पर्यवेक्षिका से पूछे जाने पर किसी का जन्मतिथि नहीं है एवं किसी का मेधा सूची बनाने में गलत हो गया था, बताया गया. जबकि पूर्व आमसभा मेधा सूची रजिस्टर में सभी अभ्यर्थी का नाम था. अभ्यर्थी के द्वारा पर्यवेक्षिका से पूर्व के आम सभा को अमान्य घोषित किए जाने एवं आम सभा करवाने की सूचना मांगी गई तो उसने बोला मेरे पास नहीं है जिला पदाधिकारी के पास है. इतना बताया कि आम सभा 16/04/2018 को रद्द होने का आवेदन 16/4/2018 को ही दे दिए जबकि 16/04/2018 को आम सभा का कार्यक्रम शाम के 5:00 बजे तक चला था। रद्द होने की सूचना अभी तक ना तो अध्यक्ष को दिया गया और ना ही कार्यालय के सूचना पट्ट पर चिपकाया गया जिन अभ्यर्थी की सेविका पद पर चयन की गई है उसकी जो भी शिक्षा की प्रमाण पत्र प्रदर्श है वह जांचने के लिए दाखिल की है बिल्कुल ही गलत है.
शिकायतकर्ता कहना है कि ऐसे चयनित अभ्यर्थी एवं चयन करने वाले पदाधिकारी की सच्चाई को प्रकट करने के लिए चयनित अभ्यर्थी की दाखिल प्रमाण पत्र का बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना में जमा अंक पत्र एवं रजिस्ट्रेशन में लिखित व वर्णित के आधार पर अभ्यर्थी के दाखिल कागजात का परीक्षण किया जाए । जो एक कानून की नजर में सच्चाई दिखाई पड़े और कानून क्या है । अभ्यर्थी एवं पर्यवेक्षिका पदाधिकारी को पता लगा दी जाए क्योंकि अभ्यर्थी अपनी दो जगह से तालीम प्रमाण-पत्र वह भी गलत जन्मतिथि का आधार अपनाकर प्रमाण पत्र पाई है. साथ ही साथ चयनित अभ्यर्थी के ससुर सेवानिवृत्त शिक्षक है जो 20 से ₹=25000 पेंशन उठा रहे हैं एवं पति के नाम दो ट्रैक्टर एवं थ्रेशर उपलब्ध है जो 12000 मासिक से ज्यादे को प्रदर्शन करता है। चयनित आवेदिका की गहन जांच किया जाए एवं अवैध बहाली को रद्द कर पुनः न्याय किया जाए।
कल्याण विभाग पटना के ज्ञापांक
*आई०सी०डी०एस*॰-30010/1-2011/990 दिनांक- 05/04/2016 मार्गदर्शिका 2016 के आलोक में मधेपुरा जिला के समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी कार्यालय मधेपुरा में अपनी-अपनी आवेदन दाखिल की थी. जिस अभ्यर्थी की चयन दिनांक 16/04/2018 को पैसा के बल पर सेविका सहायिका के पद पर अवैध ढंग नियोजन किया गया था. जिसके विरुद्ध हम लोगों ने आपके कार्यालय एवं अन्य कार्यालय में आवेदन दिए एवं मौखिक रूप से बाल विकास परियोजना से बार-बार पूछे, लेकिन उसने कुछ नहीं बताया. मैपिंग पंजी गलत होने का आवेदन हम लोग 18/04/2018 को बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के कार्यालय में दिए तो उसने बोला मैपिंग पंजी सही है. आम सभा के तीन माह बाद तक कोई सूचना नहीं दिया गया और ना ही कार्यालय के सूचना पट्ट पर कोई सूचना चिपकाया गया. दिनांक 17/07/2018 को पुनः आमसभा किया गया. जिस आमसभा में कुछ आवेदिका का नाम आवेदन रजिस्टर से गायब है एवं कुछ आवेदिका का मेधा सूची पूर्व आम सभा के मेधा सूची से भिन्न है. बाल विकास पर्यवेक्षिका से पूछे जाने पर किसी का जन्मतिथि नहीं है एवं किसी का मेधा सूची बनाने में गलत हो गया था, बताया गया. जबकि पूर्व आमसभा मेधा सूची रजिस्टर में सभी अभ्यर्थी का नाम था. अभ्यर्थी के द्वारा पर्यवेक्षिका से पूर्व के आम सभा को अमान्य घोषित किए जाने एवं आम सभा करवाने की सूचना मांगी गई तो उसने बोला मेरे पास नहीं है जिला पदाधिकारी के पास है. इतना बताया कि आम सभा 16/04/2018 को रद्द होने का आवेदन 16/4/2018 को ही दे दिए जबकि 16/04/2018 को आम सभा का कार्यक्रम शाम के 5:00 बजे तक चला था। रद्द होने की सूचना अभी तक ना तो अध्यक्ष को दिया गया और ना ही कार्यालय के सूचना पट्ट पर चिपकाया गया जिन अभ्यर्थी की सेविका पद पर चयन की गई है उसकी जो भी शिक्षा की प्रमाण पत्र प्रदर्श है वह जांचने के लिए दाखिल की है बिल्कुल ही गलत है.
शिकायतकर्ता कहना है कि ऐसे चयनित अभ्यर्थी एवं चयन करने वाले पदाधिकारी की सच्चाई को प्रकट करने के लिए चयनित अभ्यर्थी की दाखिल प्रमाण पत्र का बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना में जमा अंक पत्र एवं रजिस्ट्रेशन में लिखित व वर्णित के आधार पर अभ्यर्थी के दाखिल कागजात का परीक्षण किया जाए । जो एक कानून की नजर में सच्चाई दिखाई पड़े और कानून क्या है । अभ्यर्थी एवं पर्यवेक्षिका पदाधिकारी को पता लगा दी जाए क्योंकि अभ्यर्थी अपनी दो जगह से तालीम प्रमाण-पत्र वह भी गलत जन्मतिथि का आधार अपनाकर प्रमाण पत्र पाई है. साथ ही साथ चयनित अभ्यर्थी के ससुर सेवानिवृत्त शिक्षक है जो 20 से ₹=25000 पेंशन उठा रहे हैं एवं पति के नाम दो ट्रैक्टर एवं थ्रेशर उपलब्ध है जो 12000 मासिक से ज्यादे को प्रदर्शन करता है। चयनित आवेदिका की गहन जांच किया जाए एवं अवैध बहाली को रद्द कर पुनः न्याय किया जाए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें