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मंगलवार, 31 जुलाई 2018

प्रेमचन्द के जन्मदिवस पर अतुल मल्लिक अनजान की बेहतरीन कविता

प्रेमचन्द के जन्मदिवस पर  विशेष कविता

        ##   प्रेमचन्द  ##

उपन्यास सम्राट आप,
आप पर क्या रचना करूं?
माँगता हूं दुआ आपसे
कुछ आप जैसी रचना करूं।

आपने शोषितों,वंचितों पर लिखा
आपने लिखा असहायों पर ।
आपकी हर एक अमर कृति है
साहित्य के क्षितिज पर ।



कर्मभूमि, गोदान जैसा
उपन्यास कहाँ मिलता है?
बुडी काकी,सुजान भगत सा
अब कथा पात्र कहाँ मिलता है?

आपकी कथाओं को पढ़कर
कितने कथाकार हो गए ।
आप एक साहित्यकार ही नहीं
आप खुद एक साहित्य हो गए ।

हे! सरस्वती पुत्र आपका
मैं वंदन करता हूं।
जब तक साहित्य है आप रहेंगे
मैं बारम्बार यही कहता हूं।

 ✍ अतुल मल्लिक ''अनजान''
         संस्थापक संयोजक
   देहाती साहित्यिक परिषद 

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