27 अप्रैल 2018
देहाती साहित्यिक परिषद के संस्थापक संयोजक व युवा साहित्यकार अतुल मल्लिक अनजान ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि आगामी 28 अगस्त को प्रख्यात आंचलिक उपन्यासकार एवं वयोवृद्ध कथाकार श्री विश्वनाथ दास देहाती जी के 89 वे जन्म दिवस समारोह पूर्वक मनाया जाएगा । इस शुभ अवसर पर पूर्णिया में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. सेमिनार का विषय "हिंदी साहित्य के विकास में श्री विश्वनाथ दास देहाती का योगदान" होगा, इस सेमिनार में "देहाती - साहित्य" के जानकार दर्जनों विद्वान साहित्यकार अपने अपने विचार प्रस्तुत करेंगे ।
बताते चलें कि श्री विश्वनाथ दास देहाती का जन्म 28 अगस्त 1929 ईस्वी को जिले के कृत्यानंद नगर प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर गांव में हुआ था । इन्होंने हिंदी साहित्य साधना के तहत अब तक कुल 6 पुस्तकें सुंदरी, चिता, भिखारिन, याद, पत्थर के टुकड़े एवं वीरान भूमि' साहित्य समाज को दी है. श्री विश्वनाथ दास देहाती जी के सम्मान में इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित अतुल मल्लिक अनजान द्वारा संपादित "विश्वनाथ दास देहाती अभिनंदन ग्रंथ" का प्रकाशन भी इस वर्ष हुआ है जिसमें देशभर के अंतरराष्ट्रीय स्तर के दर्जनों साहित्यकारों ने श्री देहाती जी पर अपना मंतव्य प्रस्तुत किया है. कार्यक्रम को सफल बनाने में देहाती साहित्यिक परिषद के सदस्य एवं साहित्यकार लग गए हैं.
देहाती साहित्यिक परिषद के संस्थापक संयोजक व युवा साहित्यकार अतुल मल्लिक अनजान ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि आगामी 28 अगस्त को प्रख्यात आंचलिक उपन्यासकार एवं वयोवृद्ध कथाकार श्री विश्वनाथ दास देहाती जी के 89 वे जन्म दिवस समारोह पूर्वक मनाया जाएगा । इस शुभ अवसर पर पूर्णिया में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया जाएगा. सेमिनार का विषय "हिंदी साहित्य के विकास में श्री विश्वनाथ दास देहाती का योगदान" होगा, इस सेमिनार में "देहाती - साहित्य" के जानकार दर्जनों विद्वान साहित्यकार अपने अपने विचार प्रस्तुत करेंगे ।
बताते चलें कि श्री विश्वनाथ दास देहाती का जन्म 28 अगस्त 1929 ईस्वी को जिले के कृत्यानंद नगर प्रखंड अंतर्गत जगन्नाथपुर गांव में हुआ था । इन्होंने हिंदी साहित्य साधना के तहत अब तक कुल 6 पुस्तकें सुंदरी, चिता, भिखारिन, याद, पत्थर के टुकड़े एवं वीरान भूमि' साहित्य समाज को दी है. श्री विश्वनाथ दास देहाती जी के सम्मान में इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित अतुल मल्लिक अनजान द्वारा संपादित "विश्वनाथ दास देहाती अभिनंदन ग्रंथ" का प्रकाशन भी इस वर्ष हुआ है जिसमें देशभर के अंतरराष्ट्रीय स्तर के दर्जनों साहित्यकारों ने श्री देहाती जी पर अपना मंतव्य प्रस्तुत किया है. कार्यक्रम को सफल बनाने में देहाती साहित्यिक परिषद के सदस्य एवं साहित्यकार लग गए हैं.